उत्तर प्रदेश मुरादाबाद जिले के विकास प्राधिकरण कार्यालय पर पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने भूमि अधिग्रहण का विरोध करते हुए नारेबाजी कर प्रदर्शन किया ,और कहा कि किसानों की भूमि को उनकी सहमति के बिना ना लिया जाए ,जबकि मुरादाबाद विकास प्राधिकरण आला अधिकारियों का कहना है कि किसानों की भूमि को उनकी सहमति के बाद ही लिया जाएगा। पीतल उद्योग के लिए दुनिया भर में पहचान बनाने वाला हमारा यह मुरादाबाद शहर तेजी से विकास की ओर अग्रसर है, तो वहीं मुरादाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा भी मुरादाबाद के विस्तार को लेकर लगातार रणनीति बनाई जा रही है । मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष शैलेश कुमार का कहना है कि हमारा यह शहर मुरादाबाद एक्सपोर्ट हब है, यहां पर अधिकतर संख्या हस्तशिल्प कारीगरों की है । हम अपने शहर के नागरिकों को सस्ती दर पर जमीन दिलाने के लिए पहल कर रहे है , नया मुरादाबाद आवासीय योजना के सभी भूखंड सेल आउट हो चुके हैं ,जिसको देखते हुए मुरादाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा अब लगभग 11 गांव की भूमि को अधिग्रहण करने की रणनीति बनाई जा रही है । और समाचार पत्रों में विज्ञापन के माध्यम से इन सभी 11 गांवों के नागरिकों को आपत्ति दर्ज करने के लिए प्राधिकरण कार्यालय पर 15 दिन का समय दिया गया है ,भूमि अधिग्रहण की सूचना के प्रसारण के बाद ग्रामीण इलाकों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया । भूमि अधिग्रहण की सूचना को लेकर किसान प्राधिकरण कार्यालय कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, विकास प्राधिकरण की इस पहल को लेकर कई तरह की भ्रांतियां भी जनमानस में दिखाई दे रही है सोमवार को भारी तादात में मुरादाबाद विकास प्राधिकरण कार्यालय पर पहुंचे किसानों ने जोरदार नारेबाजी की और एक ज्ञापन भी प्राधिकरण के सचिव को सौंपा जिसमें उनके द्वारा मांग की गई कि हमारी खेती की भूमि को हमारी सहमति के बिना ना लिया जाए, और हमें हमारी जमीन का वाजिब मूल्य दिलाया जाए, अन्यथा कोई भी किसान प्राधिकरण को जमीन नहीं देगा।
िसको लेकर मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है की भूमि का अधिकरण किसान की सहमति से किया जाना है, हमारा किसी को परेशान करने का कोई इरादा नहीं हम मुरादाबाद के चहुंमुखी विकास के लिए सभी कदम उठाएंगे जब किसान भाई अपनी सहमति से हमें भूमि दे देंगे हमने 15 दिन का समय दिया है इन 15 दिन के समय में आपत्ति दर्ज करने की बात कही जा रही है और जिन लोगों कोई आपत्ति है वह अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं, उसके बाद अग्रिम कार्रवाई को किया जाएगा । सोमवार को काफी तादाद में मुरादाबाद विकास प्राधिकरण कार्यालय पहुंचे अलग-अलग ग्राम पंचायतों के किसानों द्वारा कहा गया की भूमि अधिग्रहण पर मुरादाबाद विकास प्राधिकरण को अपनी रोशनी साफ करनी होगी, तरह-तरह की भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं, ऐसे में किसानों द्वारा कहा गया कि उनके द्वारा भूमि को नहीं दिया जाएगा ,जब तक भूमि का रेट ठीक ढंग से क्लियर ना हो । , हम अपनी भूमि नहीं देगे, इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के नेता भी किसानों के साथ मौजूद रहे, उनके द्वारा भी नारेबाजी और प्रदर्शन किया गया और कहा गया कि किसान की जमीनों को सस्ते दामों में खरीदा जा रहा है ,जबकि मुरादाबाद विकास प्राधिकरण किसान से खरीदी जमीन को कई गुना डेट में बेच रहा है । इस दौरान किसानों के द्वारा एक ज्ञापन भी सौंपा गया जिसमें किसानों द्वारा अपनी बात को भारतीय किसान यूनियन के लेटर पैड पर लिख कर दिया गया। वही मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के सचिव राजीव पांडे द्वारा कहा गया कि लोग गलत संदेश पहुंचा रहे हैं हमारा किसी को परेशान करने का कोई इरादा नहीं है अगर किसान भाई आपसी सहमति से हमें जमीन देते हैं तब उनकी जमीन को लिया जाएगा और अगर किसान जमीन को नहीं देते हैं तो उनसे कोई हमारा कोई मतलब भी नहीं होगा जमीन का अधिग्रहण किसान की सहमति से होगा हम तो सिर्फ इस पूरे इलाके को डेवलप करना चाहते हैं जब हम करेंगे तो यहां पर हमारे किसान भाई भी खुशहाल रहेंगे और यहां पर कई तरह के उद्योग धंधे होने के साथ-साथ शुगम यातायात व्यवस्था भी प्राधिकरण की प्राथमिकता में शामिल है हमारा प्रयास है कि हम अपने मुरादाबाद की जनता को एक अच्छा शहर दें और कम कीमत पर दें इसी उद्देश्य को लेकर 11 गांव की जमीन को अधिकृत करने पर विचार किया जा रहा है किसानों की सहमति के उपरांत ही मुरादाबाद विकास प्राधिकरण अपनी कार्रवाई कर पाएगा।: – मुरादाबाद से शाकिर अंसारी की रिपोर्ट
