उत्तर प्रदेश प्रतापगढ़ जिले में मौसम की पहली बरसात जहां किसानों के लिए वरदान साबित हुई है, वहीं गरीबों के लिए अभिशाप बन कर आई है। जर्जर व क्षतिग्रस्त कच्चा मकान गृह स्वामिनी के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। जिसके कारण घनघोर बारिश में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है। थाना बाघराय व बिहार ब्लॉक के ग्राम पंचायत मंडल भासौं बाजार गलगली रोड निवासिनी दलित विधवा प्रभावती सरोज पत्नी स्वर्गीय अमृतलाल सरोज आर्थिक तंगी के कारण अपनी दो बेटी और एक बेटे के साथ कैसे भी टूटे-फूटे घर में अपना गुजारा मजदूरी करके करती है। लेकिन बरसात में उसका आवासीय कच्चा घर रहने लायक नहीं बल्कि जान लेवा साबित हो रहा है। प्रभावती और उनकी बेटी कभी इस तरफ कच्ची दीवार को संवारती हैं तो कभी उस तरफ पानी उस तरफ चुने लगता है। आर्थिक तंगी की मार झेल रही प्रभावती विधवा पेंशन के लिए भी भटक रही है। उसने पत्रकार को बताया कि आवास के लिए सबसे गुहार लगाई लेकिन किसी ने हमारी मदद नहीं की। जबकि वहीं पर प्रधानमंत्री आवास योजना पर प्रत्येक गरीब का अधिकार है। गरीब को आवास से वंचित रखना कहां का न्याय है। गरीब प्रभावती मजदूरी कर अपने बच्चों का पेट पालन करती है। तस्वीर में साफ तौर पर दिखाई दे रहा है, कि किस तरह बच्चों के साथ अपना जीवन यापन कर रही है। क्या उसे आवास मिलेगा, पीएम आवास न मिलने का कौन जिम्मेदार है। दलित विधवा प्रभावती का यही है खपरैल का कच्चा मकान।: – शाहबाज खान की खास रिपोर्ट

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