उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले की सदर कोतवाली क्षेत्र में स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंघ सभा में आज लोहड़ी का पर्व बड़ी श्रद्धा के साथ धूमधाम से मनाया गया। लोहड़ी भारत में सबसे ज़्यादा मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है।खास तौर पर देश के उत्तरी भागों में यह कठोर सर्दियों के अंत का प्रतीक है और आने वाले वसंत के लंबे, धूप वाले दिनों का स्वागत करता है। लोहड़ी का त्योहार भव्य और जीवंत बना हुआ है। शाम को लोग अलाव जलाकर लोकगीत गाते हैं।
भांगड़ा और गिद्दा जैसे पारंपरिक नृत्य करते हैं और गुड़ रेवड़ी बांटते हैं। तिल, गुड़, पॉपकॉर्न और मूंगफली जैसी चीज़ों को आभार के तौर पर अग्नि में डाला जाता है। इस अवसर पर मक्के की रोटी, सरसों का साग, तिल के लड्डू, गज्जक और रेवड़ी तैयार किए जाते हैं। नवजात शिशुओं और नवविवाहितों वाले परिवारों के लिए लोहड़ी का विशेष महत्व होता है, शिशु या विवाहित जोड़े के लिए पहली लोहड़ी विस्तृत अनुष्ठानों, आशीर्वाद और समारोहों के साथ मनाई जाती है।
परिवार नए सदस्यों के लिए समृद्धि, स्वास्थ्य और खुशी की कामना करते हैं,लोहड़ी किसानों के लिए विशेष रूप से सार्थक है, क्योंकि यह गेहूं, गन्ना और सरसों जैसी रबी फसलों की कटाई का मौसम है, बुवाई के मौसम के अंत और एक नए कृषि चक्र की शुरुआत का भी प्रतीक है, कृषि से परे, यह त्योहार समुदायों को प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने और समृद्धि और उर्वरता के लिए आशीर्वाद मांगने के लिए एक साथ लाता है। कई लोगों के लिए, यह परिवार और सांप्रदायिक सद्भाव के महत्व की याद दिलाता है,लोहड़ी का पर्व प्रधान सेवक चरणजीत सिंघ जी की अगुवाई में मनाया गया।
इस मौके पर जतिंदर पाल सिंह, परमजीत सिंह, गुरमीत सिंह, नरेंद्र सिंह, परमिंदर सिंघ, नरिंदर सिंह, हरमंगल सिंह, वरिंदर सिंघ, मंजीत सिंह व महिलाओं में हरविंदर कौर, सतबीर कौर, हरजीत कौर, मंजीत कौर, वरिंदर कौर, खुशी, गुरप्रीत कौर, गगनवीर सिंह उपस्थित रहे।
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