उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले की सादर कोतवाली क्षेत्र के मसवानी मोहल्ले में एक जगह है। जो बड़े पीर का चबूतरा के नाम से मशहूर है। यहाँ लोग अपनी अपनी मन्नते मुरादें माँगने आते है। लोगों की आस्था है कि चाँद की ग्यारह तारीख को जो भी अपनी मन्नत मुरादें इस चबूतरे पर आकर माँगता है।


और यहाँ से जलता हुआ चिराग बिना रास्ते मे बुझे अपने घर तक लेकर पहुंच जाता है उसकी मन्नत पूरी हो जाती है। और अगर रास्ते मे चिराग बुझ गया तो उसकी मन्नत पूरी नही होती। इसी लिए चाँद की 11 तारीख को यहाँ से जलता हुआ चिराग अपने घर तक सुरक्षित ले जाने वालों की होड़ लगी रहती है। और जलते हुए चिराग को घर ले जाने वालों में पुरषो से महिलाओं की संख्या बहुत अधिक रहती है।

बड़े पीर के चबूतरे के काफी दूर तक मेले की शक्ल में दुकाने सजी रहती है। यह शिलशिला काफी अर्से से चला आ रहा है। जो आज भी बदस्तूर जारी है आज चाँद की 11 तारीख को इस जगह मेला लगा हुआ है महिलाओ का जलता हुआ चिराग अपने आँचल में छिपा कर घर ले जाने की होड़ लगी हुई है। अब इसे अकीदत कहे आस्था कहे या कहें ?………….

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