उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले के थरियांव घाना क्षेत्र के हसवा विकास खंड के अन्तर्गत एकारी गांव में रेलवे विभाग की ओर से की जा रही बैरीकेटिंग के विरोध में सैकड़ों ग्रामीणों ने रेलवे प्रशासन के खिलाफ प्रर्दशन किया। वही सैकड़ों ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर विरोध प्रदर्शन करते हुए पुल के सामने रास्ता बंद न किए जाने की मांग करते हुए नजर आ रहें थे। उनका कहना है कि रेलवे लाइन के दूसरी ओर हजारों बीघा कृषि भूमि स्थित है। जिस पर गांव के अधिकांश किसान खेती करते हैं। आसपास के सैकड़ों किसानों और ग्रामीणों में मो इलियास, जफर, बल्लू, जितेंद्र दिवाकर, महेश, इरफान व ग्राम प्रधान मौके पर जाकर विरोध जताया। बताया कि इसके लिए पहले भी विभाग को ज्ञापन दिया जा चुका है। खेतों तक जाने के लिए पुल के नीचे से आवागमन होता है। यदि यहां बैरीकेटिंग कर रास्ता बंद कर दिया गया तो किसानों को खेतों तक पहुंचने के लिए करीब तीन किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ेगी। इससे समय और श्रम दोनों की बर्बादी होगी, साथ ही कृषि कार्य भी प्रभावित होगा। प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने बताया कि फसल की बुआई, सिंचाई और कटाई के समय रोजाना इसी रास्ते से आना-जाना होता है। रास्ता बंद होने से ट्रैक्टर व अन्य कृषि यंत्र ले जाना भी मुश्किल हो जाएगा। ग्रामीणों ने रेलवे प्रशासन से क्रॉसिंग बंद न करने की मांग किया गया है। सूचना पर जीआरपी भी मौके पर पहुंची और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। किसान यूनियन के ब्लाक अध्यक्ष उमेश परमार ने बताया कि यदि रेलवे ने नहीं सुना तो इसके व्यापक धरना प्रदर्शन किया जाएगा। ग्राम प्रधान पति कमल साहू ने पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति से इस मामले को अवगत कराया।जिसके बाद ठेकेदार वहां से चले गये। उनका कहना है कि इसका समाधान निकाला जाएगा।
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