उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले में खसरे का टीका से वंचित बच्चों का चिन्हांकन आज से शुरू हो गया। यह अभियान 17 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान 3.23 लाख बच्चों का चिन्हांकन किया जाएगा। यह जानकारी अपर मुख्य चिकित्साधिकारी व जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉक्टर सुरेश सिंह ने दी। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि बच्चों के स्वास्थ्य व टीके को लेकर विभाग अत्यंत गंभीर है। कुल 2345 आशा व एएनएम को चिन्हांकन के संबंध में अवगत करा दिया गया है। यह सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर बच्चों का चिन्हांकन करेंगी। इसकी सूची क्षेत्र के सामुदायिक या प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर देंगी। इसके बाद यह सूची मुख्यालय को सौंपी जाएगी। इसी सूची के आधार पर बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा। इनकी मानटिरिंग करने के लिए अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारियों समेत सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को तैनाती किया गया है। जो अपने-अपने क्षेत्रों में निगरानी करेंगे।
वही मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुनील भारतीय ने बताया कि जिले के 10 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 13 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों समेत 45 उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर पर्याप्त मात्रा में खसरे का टीका उपलब्ध करा दिया गया। खसरा क्या है इसको भी जाने:-खसरा रोग संक्रामक वायरस के कारण होने वाला एक संक्रमण रोग है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बडी आसानी से फैल सकता है। खसरा होने पर इसमें पूरे शरीर पर लाल चकत्ते उभर आते हैं। खसरा होने पर यह लाल दाने शुरूआत में सिर पर होते हैं और फिर धीरे धीरे पूरे शरीर पर फैल जाते है। खसरा रोग को रूबेला भी कहा जाता है। खसरे के लक्षण, सामान्य से तेज बुखार आना, सूखी खांसी होना, लगातार नाक बहना, गले में खरास बने रहना, आंखों में सूजन आना, गाल के अंदरूनी परत पर सपफेद छोटे धब्बे होना।
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नन्हे मुन्नों को खसरे से बचाने के लिये चिन्हाकंन शुरू 0 से 05 वर्ष तक के बच्चों का होना है चिन्हाकंन
