उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले की कचहरी परिसर में उस समय हड़कंप मच गया जब गुस्से से तमतमाए समाज कल्याण विभाग के आंतरिक परीक्षा लेखाकार राजू सोनकर ने समाज कल्याण अधिकारी अवनीश कुमार को कार्यालय का दरवाजा अंदर से बंद कर दरवाजे पर आलमारी गिराकर लाक कर बंधक बना लिया। लेखाकार की इस कार्यशैली एवं गुस्से को देखकर स्टाफ के लोगों में हड़कंप मच गया। और आनन-फानन में जिले के उच्चाधिकारियों समेत पुलिस को सूचना दे दी।
मामले की गंभीरता को भांपते ही शहर कोतवाल अमित मिश्रा व पुलिस विभाग के जवान समाज कल्याण विभाग कार्यालय पहुंचे और लेखाकार से दरवाजा खोलने को कहा। उधर लेखाकार द्वारा की गई इस हरकत की जानकारी जैसे ही उप जिलाधिकारी नंदकिशोर मौर्या को लगी वह भी मौके पर पहुंच गए। लेखाकार ने दरवाजा खोलने के बाद मौके पर मौजूद उप जिलाधिकारी एवं पत्रकारों को बताया कि समाज कल्याण अधिकारी कार्यों के प्रति काफी शिथिल है एवं आए दिन उन लोगों को किसी न किसी बात को लेकर डांट फटकार के साथ ही प्रताड़ित करते रहते हैं।
बताया कि कई महीनों से वृद्धा आश्रम की धनराशि समेत अन्य मदों का पैसा भेजा जाना है, किंतु समाज कल्याण अधिकारी हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं जिसकी वजह से कई महत्वपूर्ण बिल लंबित पड़े हुए हैं। इस मामले को लेकर समाज अधिकारी से कई बार कहा गया। किंतु वह कोई न कोई बहाना बनाकर बिलों में हस्ताक्षर करने से मना कर देते हैं। उन्होंने बताया कि इसी से अज़ीज जाकर इस तरह का कृत्य करने के लिए विवश होना पड़ा। उन्होंने यह भी बताया कि कार्यालय में आने वाले ठेकेदारों से समाज कल्याण अधिकारी काफी घुले-मिले हुए हैं।
और उन्हीं के काम निपटाने में दिलचस्पी भी दिखाते हैं। उधर इन आरोपों के संबंध में जब समाज कल्याण अधिकारी से बातचीत की गई तो उनका कहना था कि बिलो को पास करने में किसी तरह का विलम्ब नहीं किया जाता। लेकिन बिलों को चेक करना भी जरूरी है। अगर भूलवश कोई गलत बिल पास हो गया तो जवाबदेही उनकी बनती है जिसकी वजह से प्रत्येक बिल को अच्छे से चेक करने के बाद ही वह हस्ताक्षर करते हैं जो शायद लेखाकार को रास नहीं आ रहा है। उधर इस संबंध में जब उपजिलाधिकारी नंदकिशोर मौर्या से बातचीत की गई तो उनका कहना रहा कि उनके संज्ञान में पूरा मामला है
और समाज कल्याण अधिकारी व लेखाकार को समझा बुझा दिया गया है कि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न की जाए। अन्यथा दोनों के खिलाफ सख्त कार्यवाई की जाएगी। उनका यह भी कहना रहा कि पूरे प्रकरण से जिलाधिकारी को अवगत करा दिया गया है। जिलाधिकारी स्वयं पूरे मामले की जांच पड़ताल कराने के बाद जो भी उचित होगा कार्रवाई करेंगी। हालांकि समाचार लिखे जाने तक इस मामले में लेखाकार व समाज कल्याण अधिकारी के खिलाफ
जिलाधिकारी द्वारा क्या कार्यवाई अमल में लाई गई है। उसकी जानकारी नहीं हो पाई है। उधर विश्वस्त सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि जिलाधिकारी ने इस पूरे प्रकरण की जांच का जिम्मा मुख्य विकास अधिकारी सूरज पटेल को सौंपा है।
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