उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले के बाशिन्दों को सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ की नज़रे इनायत का बड़ी बेसबरी से इन्तिज़ार है। कि कब हमारे प्रदेश के मुखिया की नज़रे हमारे क्षेत्र पर इनायत होगी, और कब हमारे क्षेत्र का उद्धार होगा। वैसे तो प्रदेश की सभी शहरों से लेकर गांव तक कि जर्जर व बड़े बड़े गड्ढों में तब्दील पड़ी हुई सड़कों को गढ्ढा मुक्त कर उनका उद्धार कर दिया गया है। लेकिन आज भी कुछ ऐसी महत्वपूर्ण सड़कें हैं, जिनका कोई पुरसा हाल नही कोई उनको पूंछने वाला नहीं है। सरकारी कागजों में भले ही सड़कों को गढ्ढा मुक्त कर दिया गया हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही हैं।
जी हां हम बात कर रहे है जिले के ऐरायां ब्लॉक स्थित प्रेमनगर से लोहारन का पुरवा, काजीपुर, मंडवा होते हुए मैनपुरी घाट की तरफ जाने वाली जर्जर व बड़े-बड़े गढ्ढों में तब्दील हो गई सड़क की। इस सड़क पर आने-जाने वाले राहगीरों के साथ ही साथ स्थानीय लोगों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं लोहारन का पुरवा स्थित सिटी पब्लिक उच्चतर माध्यमिक हाईस्कूल, श्रीराम विशाल सिंह श्रीमती रामधनी देवी यादव इंटर कालेज व प्रेमनगर स्थित सन्त बिनोवा भावे इंटर कॉलेज सहित कई विद्यालय संचालित है। सड़क के जर्जर व बड़े बड़े गढ्ढा युक्त होने से स्कूल व कालेज में पढ़ने वाले बच्चों को भी काफी परेशानियां उठानी पड़ रही है। इतना ही नहीं जब मौसम बारिस का होता है तो यह सड़क पूरी तरह से जलमग्न हो जाती है। जिसके चलते आवागमन पूरी तरह से बाधित हो जाता है। बारिश के मौसम में यहां के बाशिन्दों का रहना बद दुस्वार हो जाता है। कई बार तो नवनिहाल बच्चे इस दलदल युक्त सड़क की चपेट में आकर गम्भीर रूप से घायल हो चुके हैं। लेकिन इतना होने के बाद भी जिम्मेदार प्रतिनिधि व आलाधिकारी चुप्पी साधकर बैठे हुए है। इस जर्जर व गड्ढा युक्त सड़क की हालत कब संवरेगी यह तो ऊपर वाला ही जाने। वही जब क्षेत्रीय बाशिन्दों इस जर्जर रॉड के बनिस्बत बात की गई तो उनका क्या कहना हैं हम आपको बताते है।
लोहरन का पुरवा के रहने वाले मोहित पाल का कहना है कि इस सड़क में बड़े बड़े गढ्ढे है। कभी कभी तो हादसा होने का भी डर बना रहता है। इसी सड़क से होते हुए मंडवा से कानपुर के लिए एक सरकारी बस भी चलती है। जब बस इस सड़क से सवारी लेकर गुजरती है तो ऐसा लगता है कि बस पलटने वाली है। खासकर बारिश के मौसम में जलभराव होने से और दिक्कत होती है हम लोगों को।
वहीं गरीबे का कहना है कि बीस साल से सड़क नहीं बनी है। आज भी यह सड़क जर्जर व बड़े बड़े गड्ढों में तब्दील पड़ी हुई है। खासकर बारिश के मौसम में सड़क में जलभराव हो जाता है। लेकिन आज तक इस सड़क का कायाकल्प नहीं हो पाया। जिसके चलते हम लोगों को काफी परेशानियां उठानी पड़ रही है। नेताओं को यह सड़क केवल चुनाव में ही याद आती है उसके बाद भूल जाते है।
शिव बालक पाल का कहना है कि अधिकारी लोग आते है। सड़क की नाप जोख कर चले जाते है। कहते है कि बस बहुत ही जल्द इस सड़क का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। लेकिन अभी तक इस सड़क में काम नहीं लगा। कई बार अधिकारी लोग इस सड़क की नापजोख करने आये और चले गए।
इस सड़क की हालत बहुत ही खराब हो चुकी है। पानी निकासी की बड़ी समस्या है। नाली न होने की वजह से हम लोगों के घरों का पानी सड़क में आता है। खासकर बारिश के मौसम में इस सड़क में काफी जलभराव हो जाता है। इस सड़क से कई स्कूल कालेजों के विधार्थियो का आवागमन बना हुआ है। बारिश के मौसम में आये दिन निकलने वाले बड़े वाहनों से साईकिल सवार व पैदल गुजर रहे स्कूली छात्रों के ऊपर कीचड़ की छींटे यूनिफ़ार्मो में पड़ने से गंदे हो जाते है। कभी – कभी तो सड़क पर गिर जाने से नवनिहाल बच्चों को अपने घर वापस होना पड़ता है। क्या इन क्षेत्रीय अवाम की आवाज़, इनकी दिस्वरियाँ, इनका दर्द, इनकी पीड़ा, इनकी तकलीफ, इनकी समस्या, हमारे देश के सर्वेसर्वा व हमारे प्रदेश के मुखिया तक पहुँचेगी क्या कुर्सी पर बैठे ज़िम्मेदार इस ओर ध्यान देंगे क्या इस जर्जर रॉड का उद्धार होगा ???? : – सरवरे आलम की रिपोर्ट