हर इंसान की चाहत होती है कि उसको पुत्र की प्राप्ति हो जिससे उसका वंश आगे चल सके और बृद्धा अवस्था मे बहु-बेटा उसकी सेवा करें। जिससे बुढापे में किसी का मौहताज न होना पड़े। मगर जब औलाद होने के बाद भी बृद्धा अवस्था मे दरदर की ठोकरे खानी पड़े तो ऐसी औलाद से बे औलाद बेहतर है।
पूरा मामला उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले के खखरेरू थानां क्षेत्र के कुल्ली गाँव का है। जहाँ स्व. धुन्नू की 80 वर्षीय पत्नी फतिया देवी के एक पुत्र सन्तोष और एक पुत्री फूल मति है दोनों का विवाह हो चुका है। पुत्र सन्तोष अपनी 80 वर्षीय माँ को गांव में छोड़ कर अपने परिवार संग परदेश में रह रहा है। जबकि पुत्री की शादी खागा कोतवाली क्षेत्र के छीमी गाँव में हुई है। बृद्ध माँ का जब दिल करता है वह अपनी बेटी के यहाँ चली जाती है। आज सुबह वह अपने गाँव से अपनी बेटी फूल मति के यहां जा रही थी। तभी खागा कोतवाली क्षेत्र के एनएच 2 पर अज्ञात वाहन उसको टक्कर मरता हुआ निकल गया। जिससे वह रोड पर गिरकर घायल हो गई। घायल अवस्था मे स्थानीयों ने इलाज के लिए हरदो सीएचसी पहुंचाया। बृद्धा का एक पैर टूट गया है जहाँ डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार के बाद उसको सरकारी 108 एम्बुलेन्स से जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। जिला अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टर भर्ती कर उसका इलाज कर रहे है। वही ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर अभिषेक ने जब बृद्धा की दर्द भरी दास्तान सुनी तो उससे खाने पीने के बारे में पूंछा तो उसने समोसे खाने की इच्छा ज़ाहिर किया। तुरन्त डॉक्टर ने होटल से समोसे मांगा कर दिए। और भरोसा दिलाया कि माता जी आप परेशान न हों जब तक आप यहां है आपको किसी तरह की यहां कोई दिक्कत नही होगी। पुलिस को सूचना दे दी गई है आपके परिजनों तक सूचना पहुंच जाएगी।
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