उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले की एसओजी व मलवां पुलिस की संयुक्त टीम ने कुएं में 09 वर्षीय बच्चे के मिले शव की घटना का खुलासा करते हुये घटना में संलिप्त दो आरोपीयो को गिरफ्तार कर लिया। 30 जून को 112 पर मृतक की मां द्वारा जरिये दूरभाष सूचना दी गई कि हमारा बच्चा उम्र करीब 09 वर्ष, जो दिनांक 29 जून से गुम हो गया है। उसका चप्पल ग्राम सौरा में बने तालाब के किनारे तथा कपडा व टोपी तालाब से मिला है। इस सूचना पर PRV 1178 और थानाध्यक्ष मलवा मय पुलिस बल मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों की मदद से तालाब में जाल डालकर तलाश की गई तो बच्चा नहीं मिला। बगल में स्थित कुएं की भी तलाशी की गई तो गुमशुदा बच्चे का शव बोरी में बरामद हुआ मिला। बच्चे की गुमशुदगी के संबंध में थाना मलवां पर मुकदमा 136/2024 धारा 363 भादवि पंजीकृत किया गया। अभियोग के विवेचानात्मक कार्यवाही में आज एसओजी टीम व थाना पुलिस द्वारा मुखबिर की सूचना पर घटना में संलिप्त बिहार के पूर्णिया जनपद के थानां अनगढ़ क्षेत्र के खगजना गाँव निवासी इसराइल का 22 वर्षीय पुत्र मो० दिलनवाज व थानां क्षेत्र के धुसमल गाँव निवासी सहावुद्दीन का 39 वर्षीय पुत्र मो0 रकीमुद्दीन को घटना में उपयोग एक अदद बाइक हीरो होण्डा पैशन न0 यूपी 71 सी 5718 सेलो टेप व रस्सी के टुकडे के साथ थानां क्षेत्र के सौरा हाउसिंग से गिरफ्तार कर लिया। पंजीकृत अभियोग में अपराध धारा 302, 201, 377,34 भादवि व 5M/6 पाक्सो एक्ट की बढोत्तरी कर आरोपी रकीमुद्दीन व दिलनवाज को गिरफ्तार कर न्यायालय रवाना किया गया।

आरोपी रकीमुद्दीन व दिलनवाज मिलकर थाना मालवां अंर्तगत ग्राम सौरा में मदरसे का संचालन करते थे। जिनमें लगभग 16-17 लड़के तालीम हासिल कर रहे है। मृतक जो कि सौरा स्थित मदरसे में लगभग ढाई माह पूर्व पढ़ने हेतु भेजा गया था तथा तालीम हासिल कर रहे सभी लड़को में सबसे छोटा था। आरोपी दिलनवाज मोबाइल में पोर्न वीडियो देखने का आदी है। 29 जून को जब मदरसे के सभी बच्चे बाहर खेलने के लिए गये थे। तभी मृतक को अकेला देखकर दिलनवाज के मन में उसके साथ गलत काम करने का ख्याल आया। दिलनवाज द्वारा मृतक को सीढ़ी के पास बने कमरे (गोदाम) में ले जाकर अन्दर से दरवाज बन्द कर लिया तथा उसे जमीन पर लिटाकर उसके साथ गलत काम करने लगा तो मृतक जोर जोर से रोने लगा। डर वश दिलनवाज द्वारा उसका मुंह जोर से कुछ देर तक दबाये रखा जिसके कारण मृतक बेहोश होकर गिर गया। दिलनवाज द्वारा मृतक को वहीं छोड़कर अपने कमरे में जाकर वहां से नाड़ा (रस्सी) व सेलो टेप लेकर चुपचाप गोदाम गया। और मृतक के पूरे चेहरे पर टेप चिपका दिया ताकि वह होश में आने पर शोर न मचा सके। तथा रस्सी से उसके दोनो हाथ पीछे करके हाथ पैर बांध कर वही छोड़ दिया। दम घुटने से उसकी मृत्यु हो गयी। दिलनवाज द्वारा यह घटना क्रम अपने जीजा रकीमुद्दीन को बताया तो रकीमुद्दीन जो मदरसे का मौलाना है अपने साले दिलनवाज को कुरान की कसम दी कि यह बात किसी को भी मत बताना नही तो मदरसे की बदनामी होगी। 29 जून की रात्रि जब सभी बच्चे सो गये तो दिलनवाज व रकीमुद्दीन ने मृतक के शव को ठिकाने लगाने की योजना बनायी। मृतक के शव को बोरी में भरकर मोटर साइकिल से ले जाकर गांव के बाहर कुँए में फेंक दिया। मदरसे के अन्य बच्चों के बारे मे गहराई से सीडब्लूसी के माध्यम से छानबीन करायी जा रही है। वही जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी भी प्रकरण में अपने स्तर से छानबीन कर रहे है।
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