उत्तरप्रदेश के फतेहपुर जिले में आज शनिवार को अंतिम सुनवाई के दौरान अपर सत्र न्यायालय कोर्ट नंबर-5 के न्यायाधीश जुनैद मुजफ्फर ने तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही 15 हज़ार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। शासकीय अधिवक्ता रघुराज सिंह ने बताया कि मलवां थाना क्षेत्र के उमरगहना निवासी राजेश कुमार के बेटे अंकित उर्फ गोरे को गांव के बाबूराम और चांदपुर के दरियापुर गांव के रहने वाले उसके साले टीपू और गोपी 13 अप्रैल 2019 को बहाने से रात आठ बजे घर से मुंडन संस्कार समारोह के निमंत्रण कह कर ले गए थे। काफी देर तक घर वापस न आने पर परिजन रात 11 बजे तक तलाश करते रहे। लेकिन कोई पता नहीं लग सका।

सुबह गेहूं काटने जा रहे ग्रामीणों ने गांव के बाहर एक तालाब किनारे अंकित के शव को पेड़ पर लटका देख इसकी जानकारी परिजनों को दी थी। मामले में पिता राजेश ने उक्त तीनों के खिलाफ स्थानीय में थाने नामजद तहरीर दी थी। जिसपर पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था। कोर्ट में जिरह के दौरान आरोपी ने मृतक अंकित का बेटी के साथ अवैध संबंध होने की आशंका पर हत्या करना कबूल किया है।

शव को आत्महत्या का रूप देने के लिए गांव के बाहर फांसी का फंदा बनाकर एक पेड़ पर लटका दिया था। मामले की अंतिम सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से छह गवाह पेश किए गए। दलीलों और साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने घटना का दोषी करार देते हुए यह फैसला सुनाया है।
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