उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत जिला अस्पताल में कैंप का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ जिला महिला चिकित्सालय की मुख्य चिकित्साधीक्षक डा0 रेखारानी ने किया। कैंप में विशेष रूप से जन्म से कटे होंठ एवं तालू की समस्या से संबंधित बच्चों का रजिस्ट्रेशन किया गया। दिनभर में करीब 52 बच्चों का रजिस्ट्रेशन किया गया जिसमें 12 बच्चों को आपरेशन के लिये चिन्हित किया गया गया। डीईआईसी मैनेजर विजय सिंह की देखरेख में आरबीएसके टीम ने कैंप का आयोजन किया। चिकित्सक डा0 अमित अग्रवाल ने बच्चों की जांच कर अभिभावकों को उचित परामर्श दिया। जांच कराने आई हुसेनगंज की रानी देवी और हरिहरगंज निवासी कविता ने बताया कि बच्चे में बीमारी को लेकर काफी निराश हो गये थे लेकिन अब कुछ उम्मीद जगी है। इस दौरान बाल रोग विशेषज्ञ डा रघुनाथ सिंह मौजूद रहे। डीईआईसी मैनेजर विजय ने बताया कि समय समय पर कैंप लगाकर बच्चों को इलाज किया जाता है। आरबीएसके की टीम ग्रामीण स्तर पर कार्य कर रही है। अब तक 22 नवजात बच्चों का आरबीएसके के माध्यम से सफल सर्जरी कराई जा चुकी है। 44 प्रकार के रोगों का इलाज आरबीएसके के नोडल अधिकारी डा0 यू0पी0 सिंह ने बताया कि आरबीएसके के तहत दिल में छेदए पीठ पर फोडाए कटे हुये होठए टेढे मेढे पैरए जन्मजात मोतियाबिंद या फिर जन्म से सुनने या बोलने की शक्तिए टीबीए विटामिन बी कामप्लेक्स डिफिशिएंसीए माइक्रोसिफेलीए लैप्रोसी जैसे 44 प्रकार के रोगों का उपचार किया जाता है। सीएमओ डा0 सुनील भारतीय ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य किशोर कार्यक्रम के तहत 0.19 साल तक के बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाता है। इसके लिये आशा के माध्यम से भी सर्वे कराकर बच्चों की पहचान की जाती है इलाज निःशुल्क किया जाता है।
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