उत्तर प्रदेश प्रतापगढ़ जिले के संग्रामगढ़ थाना क्षेत्र के पत्थरकट बस्ती में आग लगने से दो घर की गृहस्थी जलकर रख में तब्दील हो गई है जिसमे जिसमे 1.5 लाख का कपड़ा 1.60 लाख के जेवरात 43 हजार नकद समेत बाइक भी जलकर खाक हो गई है। पीड़ित परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर, घास फूस का छप्पर से बने मकान की पत्थर कट की दलित बस्ती में अचानक आग लग गई। हल्ला गुहार पर जब तक आग बुझाने पहुंचते तब तक दो घरों की गृहस्थी पूरी तरह से जलकर खाक हो गई तथा दोनों घरों के लोग खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो गए हैं। लोगों को खाना व कपड़ा भी नसीब नहीं हो रहा है।

जानकारी के अनुसार संग्रामगढ़ थाना क्षेत्र के औसानगंज बाजार स्थित पुलिस चौकी से 200 मीटर दूर पत्थरकट बस्ती में बबलू शिल्पकार पुत्र राजाराम तथा सुनील कुमार शिल्पकार पुत्र रामनरेश शिल्पकार दोनों लोग बस्ती के किनारे छप्पर का मकान बना कर परिवार सहित रहे थे। बबलू उसका छोटा भाई गोविंद दोनों मिलकर चद्दर कंबल व अन्य कपड़े थोक में मंगा कर फेरी लगाकर बेचते है। तथा छोटे छोटे दुकानदारों को भी बिक्री के लिए देते थे। बबलू का छोटा भाई गोविंद अपने आशियाने के अंदर बैठकर दुकान का हिसाब बना रहा था। जबकि पड़ोसी सुनील कुमार अपनी पत्नी संगीता देवी के साथ घर में ताला बंद कर जाति पेशा का काम करने के लिए प्रयागराज गया हुआ था। इसी दौरान बबलू के घर के पीछे से अचानक धुआं उठने लगा जब तक बबलू समझ पाता कि यह धुआं कहां से आ रहा है, निकलकर बाहर देखा तब तक आग जलने लगी।

हल्ला गुहार पर बुझाने के लिए जब तक ग्रामीण पहुंचते तब तक आग ने प्रचंड रूप धारण कर लिया। बबलू के घर की आग की चिंगारी से सुनील के घर में भी आग ने अपने आगोश में ले लिया। फायर ब्रिगेड को भी सूचना दी गई, लेकिन समय से फायर ब्रिगेड भी नहीं पहुंच पाया। बबलू के घर में कम्बल चद्दर व अन्य कपड़ों की चार गांठ कीमत लगभग डेढ़ लाख रुपया बब्लू की पत्नी के लगभग एक लाख के जेवरात व बबलू के छोटे भाई गोविंद की होने वाली शादी के लिए ₹60000 के बनवाए गए जेवरात तथा ₹43000 हजार रुपए नकद समेत गृहस्थी के सारे सामान जलकर स्वाहा हो गए। जबकि सुनील कुमार घर के अंदर रखी बाइक व गृहस्थी का अन्य सामान आग की भेंट चढ़ गया। परिजन अपनी जलती हुई गृहस्थी को देख कर रोते चिल्लाते और गुहार लगाते रहे। क्योंकि उन्हीं के सामने उनकी सारी कमाई राख में तब्दील हो गई थी।

जानकारी पर धनगढ ग्राम प्रधान अजय यादव ने घटनास्थल पहुंचकर पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता मुहैया कराने का आश्वासन देते हुए आवास दिलाए जाने का भरोसा दिलाया है। हलांकि दोनों परिवारों में खाने और पहनने के लिए न अनाज बचा है न ही कपड़ा बचा हुआ है। दोनों परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं।: – शहबाज खान की खास रिपोर्ट
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