उत्तर प्रदेश हमीरपुर जिले के मौदहा विकास खण्ड विकास की एक अलग इबारत लिख रहा है। यहां एक ऐसा भी गांव है, जहां सालों पहले मरे मजदूरों की ‘आत्माएं’ मनरेगा में आज भी मजदूरी करने आती हैं। और उनका पैसा भी ईमानदारी के साथ उनके खाते में भेजा जा रहा है। मजे की बात यह है कि एक दो तीन नहीं बल्कि 132 मनरेगा मजदूरों में 70 से अधिक मरे हुए लोग मजदूरी कर रहे हैं। जब मरे हुए लोगों के परिजनों को यह बात पता चली तो वह मुख्य विकास अधिकारी की चौखट पर न्याय की गुहार लगाने पहुंच गए। फिलहाल मुख्य विकास अधिकारी ने एक टीम बनाकर जांच के आदेश दे दिए हैं।

हमीरपुर में आत्माएं कर रही मजदूरी, हमीरपुर जिले के मौदहा विकास खंड अंतर्गत ग्राम पंचायत खंडेह में आज भी मरे हुए लोगों के भूत महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत मजदूरी करने आते हैं। और उनकी 100 प्रतिशत उपस्थिति भी रहती है। विकास खंड के सचिव व प्रधान की सहमति से समय से उनके खातों में उनकी मजदूरी भी भेज दी जाती है। इस बात की खबर गांव के देवेंद्र कुमार को लगी कि उनके मृतक पिता छोटे लाल व जीवित माता जी सुदामा और छोटा बेटा सचिन सहित उसके कई भाई आज भी मनरेगा के तहत मजदूरी कर रहे हैं। तो उसके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। जबकि देवेन्द्र के मृतक पिता इसी गांव में 15 वर्ष निर्विरोध प्रधान भी राह चुके हैं और उनका खुद का लाखों रुपये का व्यवसाय भी चल रहा है। जो कि वह 10 वर्ष पुर्व अपने गांव खंडेह छोड़कर ग्राम बहिंगा जिला महोबा में निवास कर रहे हैं जिसकी शिकायत उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी से कर मामले की जांच करने की अपील की है।

सरकारी धन का किया जा रहा बंदरबांट खंडेह गांव के सैकड़ों ग्रामीण मजदूरों को इस विकास खंड की खूबियों के बारे में पता नहीं है। गांव निवासी राजा भैया की पत्नी भूरी की मृत्यु 10 साल पहले हो चुकी है। चतुर सिंह पुत्र राजा भैया की भी मृत्यु हो चुकी है। हरनाम की भी 12 वर्ष पहले मृत्यु हो चुकी है। इस तरह के दर्जन भर से अधिक जॉब कार्ड धारक आज भी मनरेगा के तहत मजदूरी कर रहे हैं और उनका पैसा प्रधान व सचिव मिलकर अपने शुभचिंतकों के खाते में डाल डकार रहे हैं। करोड़ों रुपए सरकारी धन का बंदरबांट किया जा रहा है। शिकायत कर्ताओं ने बताया कि महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत फर्जी जॉब कार्ड लगाकर और खाते अपने लोगों के फीड करवाकर करोड़ों की निकासी कर ली जाती है।गरीबों को इसकी कानों कान भनक भी नहीं लगती जिससे सरकार की इस योजना के बाद भी आज मजदूर पलायन करने व दर बदर भटकने को मजबूर हैं। मुख्य विकास अधिकारी ने दिए जांच के आदेश वहीं जिले के विकास कार्यो की जुम्मेदारी संभालने वाले मुख्य विकास अधिकारी माथुर प्रसाद मिश्रा को इस मामले की जानकारी मिली तो वो खुद सकते में आ गए। उन्होंने तत्काल टीम गठित कर मामले की जांच कर कार्रवाई के आदेश दे दिए है। साथ ही साथ जांच में दोषी पाए गए आरोपियों पर कठोर कार्रवाई के निर्देश दे दिए हैं। हमीरपुर जिले के खंडेह गांव में 1700 के करीब मनरेगा के जॉब कार्ड धारक मजदूर हैं। इसमें से करीब 80 लोगों की मौत हो चुकी है और 132 मजदूरों का पेमेंट फर्जी तरीके से निकाला जा रहा है। शिकायत कर्ता कि माने तो सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार अभी तक 2 करोड़ 20 लाख रुपयों का बंदरबाट किया गया है। ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि यहां मरे हुए लोग मजदूरी करने कैसे आए। जिनकी मजदुरी जॉब कार्ड में 100 % उपस्थित दर्ज है और जिला प्रशासन कैसे इन सरकारी धन का दुरुपयोग करते प्रधानों और सचिवों पर लगाम लगायेगा।

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