उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले में कृषक उत्पादक संगठनों की जनपद स्तरीय परियोजना प्रबंध इकाई द्वारा जागरूकता एवं समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट महात्मा गांधी सभागार में जिलाधिकारी श्रुति की अध्यक्षता में संपन्न हुई। उप कृषि निदेशक राममिलन सिंह परिहार ने विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में विस्तार से कृषक उत्पादक संगठनों द्वारा फार्म मशीनरी बैंक के संचालन, मिलेट्स बीज उत्पादन कार्यक्रम, कृषि निर्यात नीति के अन्तर्गत देय सुविधाओं / अनुदान के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने उ०प्र० मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम के अर्न्तगत मिलेट्स बीज उत्पादन हेतु सभी एफ० पी० ओ० को विस्तृत जानकारी दी । ग्रेडिंग में आने वाले चयनित एफ० पी० ओ० को बीज उत्पादन करने हेतु 4.00 लाख सीड मनी के रूप में दिया जायेगा। जनपद के इच्छुक एफ० पी० ओ० ड्रोन के लिए भी आवेदन कर सकते है, जिसमें एफ० पी० ओ० को 40 प्रतिशत (04 लाख) अनुदान देय है।

जिलाधिकारी ने विभिन्न सी० बी० बी० ओ० द्वारा जनपद के 06 विकास खण्डों में सेन्ट्रल सेक्टर योजना के अंतर्गत गठन करने हेतु अनुमोदन प्रदान किया और जनपद के कृषक उत्पादक संगठनों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी / निदेशकों को निर्देश दिये गये कि सभी कृषक उत्पादक संगठन अपने एफ० पी० ओ० का फसलवार एक्शन प्लान तैयार करने के साथ एफ० आई० जी० को विकसित किये जाने के निर्देश दिये गये एवं एक्शन प्लान को उप कृषि निदेशक के माध्यम से एक सप्ताह के अन्दर प्रस्तुत किये जाने के निर्देश दिये गये। उन्होंने मसालों, मिलेट्स, तिलहनी -दलहनी, मूँगफली की फसलों एवं खेत तालाब योजनार्न्तगत मत्स्य पालन हेतु एफ० पी० ओ० का गठन कर नवाचार करते हुए कृषक उत्पादक संगठनों को प्रेरित किया। कृषक उत्पादक संगठनों को एफ० आई० जी० अप्रोच को अत्यधिक बढ़ाये जाने हेतु निर्देशित किया। जनपद के ऐसे विकास खण्ड जहाँ मोटे अनाज, गन्ना एवं केला इत्यादि की फसल अत्यधिक होती है

उसका सर्वे कराकर एफ० पी० ओ० का गठन कराये एवं फसल क्षेत्र से सम्बन्धित उत्पादों को विकसित करें। सभी कृषक उत्पादक संगठनों को यू० पी० एफ० पी० ओ० शक्ति पोर्टल पर अपनी सूचना तत्काल अपडेट कराये जाने के निर्देश दिये, जिससे सभी एफ० पी० ओ० की ग्रेडिंग उप कृषि निदेशक के द्वारा की जा सके। डी० डी० एम० नाबार्ड को निर्देशित किया कि जनपद के समस्त कृषक उत्पादक संगठनों के सपोर्ट एजेन्शीज के रूप में कार्यरत समस्त सी० बी० बी० ओ० एवं जनपद के समस्त कृषक उत्पादक संगठनों कृषि एवं उससे सम्बद्ध विभागों के साथ-साथ कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक, आदि के साथ एक वृहद कार्यशाला कृषि विज्ञान केन्द्र में आयोजित कराते हुए एफ० पी० ओ गठन एवं उससे सम्बन्धित परेशानियों का निवारण किया जाए। उन्होंने कृषक उत्पादक संगठनों को निर्देशित किया कि जनपद के ऐसे क्षेत्र जो ऊँचे एवं नीचे है

जहाँ पैदावार काफी कम है वहाँ विभाग में संचालित खेत तालाब योजना के अर्न्तगत चयन करते हुए खेत तालाब निर्मित कराकर योजना का लाभ अनुमन्य कराया जाये, जिससे जनपद में मत्स्य पालन को बढ़ावा मिलने के साथ एफ० पी० ओ० के सदस्यों की आय दोगुनी हो सके। इस मौके पर अवधेश कुमार शुक्ला, निदेशक रामातलाई फार्मर प्रोड्यूसर कं०लि०, देवमई द्वारा अवगत कराया गया कि देवमई विकास खण्ड के रिन्द एवं छिवली नदी के किनारें की भूमि ऊबड़-खाबड़ होने के साथ ऊँची एवं नीची है, जिससे वहाँ बाँस एवं लेमन ग्रास की बुआई कराकर एफ० पी० ओ० के सदस्यों के आय दो गुनी की जा सकती है। जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिए कि खण्ड विकास अधिकारी देवमई के द्वारा भूमि का चिन्हांकन कराकर उपरोक्त कार्य को कराया जाए। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी, उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी, डी० डी० एम० नावार्ड. जिला उद्यान अधिकारी, अग्रणी जिला प्रबन्धक, बैंक ऑफ बड़ौदा एवं समस्त सम्बन्धित विभागों के विभागध्यक्षा सहित जनपद के समस्त कृषक उत्पादक संगठनों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी / निदेशकों के द्वारा प्रतिभाग किया गया।
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