उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिला अस्पताल में बना पोषण पुनर्वास केंद्र कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों के लिये वरदान साबित हो रहा है। यहां आने वाले बच्चों को उचित इलाज के साथ सही पोषण दिया जा रहा है। इससे बच्चों में जल्द ही सुधार देखने को मिल रहा है। अति कुपोषित डेढ़ माह की बच्ची लक्ष्मी को पोषण पुनर्वास केंद्र में नया जीवन मिला। सिर्फ 17 दिन में बच्ची का वजन एक किलो बढा और धीरे-धीरे सेहत में सुधार हो गया। बहुआ विकास खंड के गांव सुल्तानपुर के रहने वाले विजय की डेढ माह की पुत्री लक्ष्मी डायरिया से ग्रसित थी। आंगनबाडी केंद्र में आरबीएसके की टीम ने बच्ची को जिला अस्पताल के पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराया। यहां पर चिकित्सक डा0 रघुनाथ सिंह, डायटीशियन शिल्पी एवं टीम ने बच्ची की जांच कर इलाज शुरू किया। इलाज के समय बच्ची का वजन 1.8 किलोग्राम था लेकिन जांच और इलाज के साथ बच्ची की सेहत में सुधार हुआ। करीब 17 दिन में ही बच्ची का वजन 2.8 किलोग्राम हो गया। अब बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है। एनआरसी की टीम अभी भी बच्ची का फोन के माध्यम से मानीटरिंग करती है। पोषण पुनर्वास केंद्र में अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक 212 बच्चों का इलाज किया जा चुका है। एन०आर०सी प्रभारी डा0 रघुनाथ ने बताया कि पोषण पुनर्वास केंद्र में आशायें, आंगनबाडी कार्यकत्री और आरबीएसके की टीम बच्चों को चिन्हित कर लाती है। इसके अलावा भी यदि कोई बच्चा कमजोर है और बीमार रहता है ठीक से कुछ खाता पीता नहीं है तो जिला अस्पताल लाकर दिखा सकते है। बच्चे का इलाज पूरी तरह निःशुल्क है। सीएमओ डा0 सुनील भारतीय ने बताया कि केंद्र में जीरो से पांच साल तक के बच्चों का 15 फीसद वजन बढने तक इलाज होता है। बच्चे और मां को निशुल्क भोजन के साथ मां के खाते मे पचास रूपये प्रतिदिन की दर से दैनिक भत्ता मिलता है। इसी के साथ निशुल्क जांच इलाज व दवाएं आने और जाने के लिए तीन सौ रूपये किराया भी दिया जाता है।

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