उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले के असोथर थानां क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डाक्टर की गैर मौजूदगी व अस्पताल की अब्यवस्थाओ के चलते दस दिनों के अंतराल में दो बार जच्चा-बच्चा की मौत होने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। जिसके बाद जिले के स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारी नगर में खुले पीएचसी व प्राइवेट मेडिकल स्टोर, पैथालॉजी, नर्सिंग होम की जांच करने रविवार को तीन बजे एसीएमओ की गाडी जैसे ही नगर में प्रवेश किया।
नर्सिंग होम, मेडिकल स्टोर, पैथालॉजी सेंटरों के संचालकों में हड़कंप मच गया। धड़ाधड़ शटर बन्द कर तालाबंदी कर दी नगर में खुले तीन नर्सिंग होम में भर्ती मरीजों को आनन-फानन तुरंत बाहर किया गया। जिससे मरीजों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बिना रजिस्ट्रेशन के खुले नगर में कामदगिरि हेल्थ केयर सेंटर, शिवा हास्पिटल, बंद करके संचालक रफूचक्कर हो गये। हेल्थ केयर सेंटर में भर्ती मरीजों को अगल बगल के भवनों में संचालकों ने शिफ्ट किया। मेडिकल स्टोर व पैथालॉजी सेंटर के संचालकों ने भी अपनी अपनी दुकानों के शटर बंद कर दिए।
इससे यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर सब कुछ आल इज वेल है तो विभागीय अधिकारियों के आने पर हड़कंप मचने के साथ ही अस्पताल , मेडिकल स्टोर, पैथालॉजी सेंटर क्यो बंद हो जाते है। अभी कुछ माह पहले भी एसीएमओ के नगर में आते ही हड़कंप मच गया था। जिसमें एसीएमओ ने नगर में खुले नर्सिंग होम के संचालकों को नोटिस दिया था। लेकिन इसके बावजूद भी मानक विहीन नर्सिंग होम बेधड़क मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ करते रहे।
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