उत्तर प्रदेश फतेहपुर अमर शहीद ठाकुर दरियाव सिंह स्मारक स्थल पर महान साहित्यकार समाजसेवी और समिति के संस्थापक ठाकुर चंद्रपाल सिंह की 105 में जयंती और कवि सम्मेलन मनाया गया। चंद्रपाल सिंह जी के सुपुत्र अशोक सिंह ने उनके कृतित्व और व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। ठाकुर चंद्रपाल सिंह का जन्म अमर शहीद ठाकुर दरियाव सिंह की गढ़ी खागा में 3 अक्टूबर 1919 को हुआ था। उनकी माता का नाम यशोदा कुँवर और पिता का नाम ठाकुर जगमोहन सिंह था। जन्म के 6 वर्ष के बाद ही उनकी माता का देहावसान हो गया जिससे उनके दादा ठाकुर बद्री सिंह ने उनकी शिक्षा दीक्षा में सहयोग किया। सन 1934 -35 हिंदी उर्दू वर्नाकुलर फाइनल किया, 1939 -40 में हिंदी उर्दू एडवांस लैंग्वेज तथा 1942 में हाईस्कूल किया। घर में जमींदारी होने के कारण जमींदारी उन्मूलन 1950- 52 में जमींदारी जाने के बाद परिवार सामान्य कृषक परिवार रह गया। आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण इनकी आगे की शिक्षा दीक्षा रुक गई ।प्रारंभ में अध्यापक बनने का विचार था और प्रबल इच्छा भी थी किंतु वह इच्छा पूर्ण ना हो सकी। 1942 में अंग्रेजी सरकार में ग्राम रक्षा समिति का गठन किया लोगों को संगठित करने का प्रयास किया । 1943 -1949 तक राजस्व संग्रह अमीन में सीजनल अमीन पद पर कार्यरत रहे। गल्ला वसूली में विवाद अधिकारियों से हो जाने के कारण उन्होंने नौकरी को छोड़ दिया। इसके बाद एक कपड़े की दुकान खोलकर जीवन यापन करने लगे ।1952 में उत्तर प्रदेश राजस्व संग्रह अमीन संघ में राजस्वअमीन पद में स्थाई रूप से नियुक्ति हुई और 1977 में सेवानिवृत्त हुए ।अपने नौकरी काल में इन्होंने विभागीय संगठन उत्तर प्रदेश की राज्य संग्रह अमीन संघ लखनऊ का1959 में गठन किया और सेवानिवृत होने के 5 वर्ष बाद तक 1982 तक यह उसके प्रदेश अध्यक्ष रहे। सामाजिक योगदान में सार्वजनिक जीवन में से इनको प्रेरणा और समाज से मिली जिन्होंने जिनमें उनके पिताजी ने उनकी सहायता की 1939 से 1941 तक यह स्थानीय आर्य कुमार सभा का गठन कर इसके देखरेख करते रहे 1950 से 1952 तक आर्य समाज खागा के अध्यक्ष रहे 1952 में बाबा ठाकुर शुकदेव सिंह जी कुंभीपुर निवासी के साथ मिलकर इन्होंने शुकदेव इंटर कॉलेज खागा की नींव रखी और सब प्रबंधक रहे और अंत तक समय तक सुखदेव इंटर कॉलेज के उपाध्यक्ष रहे बुधवार इंटर कॉलेज खागा में भी जीवन के अंत तक सचिव रहे। 1946 से 1963 तक रामलीला कमेटी खागा में मंत्री रहे और उसकी आर्थिक स्थिति सुधार की पुनः 1976 से 1985 तक रामलीला कमेटी खागा में अध्यक्ष पद पर रहे विश्व हिंदू परिषद खागा में भी 3 वर्षों तक इन्होंने अध्यक्ष का कार्य किया।साहित्य के क्षेत्र में इन्होंने जनपद और बांदा में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया। इन्होंने खागा का इतिहास कुकरा कुकरी, सरसई, एकडला, मुंशी प्रेमचंद की ससुराल सलेमपुर गोली, मंझिल गांव के कुंडेश्वर मंदिर एवं उत्तर प्रदेश ही स्थाई इतिहास संकलन समिति के जनपदी योजक के रूप में कार्य किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता खागा नगर पंचायत अध्यक्ष गीता सिंह ने किया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि रामेश्वर द्विवेदी प्रलयंकर अमेठी ने किया। काव्य पाठ करने वालों में शिवशरण बंधु, समीर शुक्ला सेमरामाना पुर फतेहपुर ,गोविंद गजब गीतकार रायबरेली, संतोष दिक्षित रायबरेली, संदीप शरारती रायबरेली, प्रदीप महाजन रायबरेली ,नीरज पांडे रायबरेली, हरि बहादुर सिंह हर्ष ,कुमार सौष्ठव, दुर्गेश दुर्लभ, उत्कर्ष उत्तम, अजय उपाध्याय आदि कवियों ने ओज, हास्य, गीत के माध्यम से अपना काव्य पाठ किया कार्यक्रम में अजय त्रिपाठी, राम लखन बाजपेई, राजेंद्र सिंह ,परमहंस सिंह, ओम दुबे सुखेंद्र सिंह, गुलाब सिंह गजेंद्र सिंह ,कमलेश सिंह, राकेश सिंह, ध्रुव सिंह, राजेश चौधरी यादव, संतराम सिंह ,राजेंद्र सिंह नगर पंचायत खागा सभासद संत राम पासवान राम प्रकाश नंदन मोर शैलेंद्र पासवान शिव कुमार पटेल अजय नाथ विश्वकर्मा यशवंत यादव प्रेम यादव समिति के मंत्री राम प्रताप सिंह, उपाध्यक्ष महेंद्र नाथ त्रिपाठी ,हरिश्चंद्र सिंह, ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह, संतराम सिंह ,राजेंद्र सिंह, कृष्ण स्वरूप सिंह , ध्रुव सिंह, राहुल सिंहआदि उपस्थित रहे।
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