उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले के थरियांव थानां क्षेत्र के हसवा कस्बे के स्वामी चंददास रामलीला मैदान में एक दशक से लगातार दस दिवसीय रामलीला के पहले दिन सुप्रसिद्ध कलाकारों द्वारा फुलवारी लीला और ताड़का वध लीला का मंचन किया जाता रहा है। रामलीला को देखने के लिए गैर जनपदों से लेकर गाँव- गाँव से सैकड़ों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। गुरु की आज्ञा पाकर भगवान राम और उनके छोटे भाई लक्ष्मण वन में पूजा के लिए पुष्प लेने जाते हैं। पुष्प तोड़ते तोड़ते भगवान राम थोड़ा आगे बढ़ते हैं। और इसी बीच उपवन में जनक जननी मां सीता भी पहुंचती है। और भगवान राम को देखते ही उनसे अपनी नजर ही नहीं हटाती है। उधर भगवान राम भी सीता को लगातार निहारत रहती हैं। वही सीता भगवान राम को मन ही मन अपना पति मान लेती है। उपवन से पुष्प लेकर वापस भगवान राम और अनुज लक्ष्मण गुरु के पास पहुंचते हैं । गुरु की पूजा अर्चना संपन्न होने के बाद गुरु की आज्ञा पाकर दोनों भाई अन्य ऋषि मुनियों के यज्ञ को सफल बनाने के लिए कई राक्षसों का वध करते है, कई राक्षसों का वध होने के बाद तड़का नाम की राक्षसी व्याकुल हो जाती है। और वह राम लक्ष्मण का वध करने के लिए वन में इधर-उधर भटकने लगती है। और वन में राम लक्ष्मण को देखते ही उनका बात करने के लिए आगे बढ़ती है। इसी बीच गुरु की आज्ञा पाकर भगवान राम अपने बलों द्वारा ताड़का का वध कर देते हैं । ताड़का का वध होते ही ऋषि मुनि अधिक प्रसन्न होते हैं। और अपने हवन पूजन में लग जाते हैं। तड़का नाम की राक्षसी का वध होते ही रामलीला का मंचन देख रहे भक्त भगवान राम के जयकारे लगाते हैं। इस मौके पर थारियावं थाना प्रभारी प्रवीण कुमार सिंह एवं हसवा पुलिस चौकी इंचार्ज विकास सिंह पुलिस फोर्स के साथ मैहजूद रहे।
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