उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले के थरियांव थाना क्षेत्र के हसवा विकास खंड के एकारी गांव में हर वर्ष की भांति इस बार भी नवंबर माह में तीन दिवसीय रामलीला के पहले दिन सुप्रसिद्ध कलाकारों ने ताड़का वध का भव्य रूप से अपने कलाओं के माध्यम से दिखाया गया। रामलीला को देखने के लिए आसपास के दर्जनों गावों के लोगों की भीड़ पहुंची। बीती रात फुलवारी लीला व ताड़का वध का कलाकरों ने जीवंत मंचन कर सभी दर्शकों का मन मोह लिया। ग्राम प्रधानपति कमल साहू ने फीता काटकर रामलीला का शुभारंभ किया। प्रधानपति कमल साहू ने कहा कि रावण के पास सब कुछ होते हुए भी वह हार गया क्योंकि उसका भाई उसके साथ नहीं था। इसलिए भाई व परिवार के प्रति प्रेम जरूरी है। लीला की शुरुआत में राजा दशरथ पुत्र प्राप्ति की इच्छा लेकर महर्षि के पास गये। मह्रर्षि विश्वामित्र ने राजा को पुत्र प्राप्ति के लिए यज्ञ करने को कहा। ऋषि की बात मानकर राजा दशरथ ने यज्ञ का आयोजन किया। यज्ञ से उन्हें प्रसाद के रूप में खीर की प्राप्ति हुई। मह्रर्षि के आदेशानुसार राजा ने खीर को तीनों रानियों में बांट दिया। इससे राजा दशरथ को चार पुत्रों की प्राप्ति हुई। रानी कौशल्या ने राम, सुमित्रा ने लक्ष्मण श्रत्रुघन और केकैयी ने भरत को जन्म दिया। भगवान राम के जन्म पर अयोध्या में खुशियां मनाई गई। उन्होंने कहा कि भगवान राम का जन्म संसार को रावण के अत्याचारों से मुक्ति दिलाने के लिए हुई थी। भगवान राम विष्णु के अवतार थे। आगे के क्रम में गुरु की आज्ञा पाकर भगवान राम और उनके छोटे भाई लक्ष्मण वन में पूजा के लिए पुष्प लेने गये। पुष्प तोड़ते तोड़ते भगवान राम थोड़ा आगे बढ़े इसी बीच उपवन में जनक जननी मां सीता भी पहुंच गयीं। माता सीता भगवान राम को मन ही मन अपना पति मान लिया। उपवन से पुष्प लेकर वापस भगवान राम और अनुज लक्ष्मण गुरु के पास पहुंचे। गुरु की पूजा अर्चना संपन्न होने के बाद गुरु की आज्ञा पाकर दोनों भाई अन्य ऋषि मुनियों के यज्ञ को सफल बनाने के लिए कई राक्षसों का वध किया। राक्षसों का वध होने के बाद तड़का नाम की राक्षसी व्याकुल हो उठी। वह राम लक्ष्मण का वध करने के लिए वन में इधर-उधर भटकने लगी। वन में राम लक्ष्मण को देखते ही उनका बात करने के लिए आगे बढ़ी, इसी बीच गुरु की आज्ञा पाकर भगवान राम ने ताड़का का वध कर दिया। ताड़का का वध होते ही ऋषि मुनि अधिक प्रसन्न हुए और अपने हवन पूजन में लग गये। तड़का नाम की राक्षसी का वध होते ही रामलीला का मंचन देख रहे भक्त भगवान राम के जयकारे लगे। इस मौके पर कमेटी अध्यक्ष पुलकित मौर्य, भोला मौर्य, बुलाकी रैदाश, प्रेम मौर्य, धीरेंद्र श्रीवास्तव, मितलेश कारपेंटर , रामप्रसाद विश्वकर्मा, बिहारी साहू आदि रहे।
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