उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले में आज श्रद्धा के साथ गुरुतेग बहादुर जी का 348 बलिदान दिवस मनाया गया। जिसमे बड़ी तादाद में भक्तो ने शिरकत किया।

*धर्म हेतु साका जिन किया, शीश दिया पर सिरर न किया* ज्ञानी गुरुवचन सिंह ने बताया धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर के शहादत दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस्लाम कबूल न करने पर मुगल बादशाह औरंगजेब ने चांदनी चौक में उनका सिर कलम करवा दिया था। इस दिन उनकी शहादत को याद करके जुल्म और अन्याय का डटकर मुकाबला करने की प्रेरणा मिलती है, मुगल बादशाह औरंगजेब चाहता था कि सभी गैर-मुस्लिमों को मुस्लिमों में तब्दील कर दिया जाए। इसके लिए उसके अधिकारियों ने लोगों को जबरन मुस्लिम बनाने के लिए सख्ती शुरू कर दी। धर्म बदलने के दबाव से परेशान कश्मीरी पंडितों के एक समूह ने गुरु तेग बहादुर की शरण ली। गुरु की सलाह पर इन कश्मीरी पंडितों ने मुगल अधिकारियों से कहा कि अगर गुरु तेग बहादुर इस्लाम को स्वीकार कर लेते तो वे भी बड़ी खुशी से मुस्लिम बन जाएंगे।

यह सुनते ही औंरगजेब ने गुरु तेग बहादुर को गिरफ्तार करवा दिया। 3 महीनों से भी ज्यादा वक्त तक गुरु को बंदी बनाकर रखा गया। इस दौरान उन्हें लगातार जुल्म किया जाने लगा जिससे कि वह इस्लाम स्वीकार कर लें, लेकिन गुरु ने ऐसा नहीं किया। उन्हें डराने के लिए उनके सामने ही उनके शिष्यों को शहीद कर दिया गया। तब भी जब वह नहीं झुके, तो आखिर में औरंगजेब ने उनका सिर कलम करने का आदेश दे दिया। नवंबर, 1675 ईसवी को चांदनी चौक में उनका सिर कलम करवा उनको शहीद कर दिया गया। शीशगंज नाम का गुरुद्वारा इसी जगह पर है। गुरु तेग बहादुर को ‘हिन्द दी चादर’ या ‘भारत की ढाल’ भी कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने दूसरों को बचाने के लिए अपनी कुर्बानी दे दी,

गुरुद्वारा में आयोजित सभी कार्यक्रम गुरुद्वारा सिंह सभा मे आई साध संगत की अगुवाई में मनाया गया, आज संगत में प्रधान चरणजीत सिंह, जतिंदर पाल सिंह, नरिंदर सिंह, परमजीत सिंह, संतोष सिंह, सरनपाल सिंह, वरिंदर सिंह, गुरमीत सिंह, रिंकू, मंजीत सिंह, सोनी, महिलाओं में हरजीत कौर, हरविंदर कौर, ईशर, जसवीर कौर, मंजीत कौर, नीना, खुशी, प्रभजस, वीरा, वीर सिंह आदि भक्त जन उपस्थित रहे।
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