उत्तर प्रदेश कानपुर नगर जनपद के बिधनू थानां क्षेत्र में स्थित सपई गाँव में बीती 28 अप्रैल को दबंगों ने कब्जा करने की नीयत से घर पर बुल्डोजर चला दिया था। पीड़ित परिवार ने कानपुर के पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार से गुहार लगाई। जिसके बाद आरोपियों पर एफआईआर दर्ज की गई और पुलिस कमिश्नर ने पीएसी और पुलिस की मौजूदगी में 8 मई को घर के पुनर्निर्माण का भी आदेश दिया। बताते चले कि 73 वर्षीय पीड़ित शिव प्रसाद मिश्र ने बताया कि उनका सपई गाँव में पुरानी आबादी की जमीन पर पुश्तैनी मकान है। स्थानीय निवासी आरोपी गणेश शंकर बाजपेई रिटायर दारोगा हैं और उनका हाल पता हरबंस मुहाल है। उनका बेटा देवेश बाजपेई भी दबंग है और खुद को कचहरी में वकील बताता है। इन दोनो पिता पुत्र पर हरबंश मुहाल और बिधनू थाने आदि में मकान जमीन कब्जे की तमाम शिकायतें और कई गंभीर अपराधिक मामले भी दर्ज हैं। बीते कई सालों से यह दोनों उनके परिवार को परेशान कर रहे हैं। वर्ष 2021 में जब अपने घर का पक्का निर्माण कर रहे थे, तो गणेश शंकर और देवेश ने कब्जा करने की धमकी दी थी और कहा था कि गांव में कदम भी रखा तो हत्या करा देंगे, और परिवार के लोगो को फर्जी मुकदमों में फंसा देंगे। तभी से पीड़ित अपनी 78 साल की भाभी को लेकर बेटी के घर में रह रहा था। यही नहीं धमकियों के बाद अपना निर्माण भी अधूरा छोड़ दिया था। बहुत दिनों तक पीड़ित जब गांव नही गया तो दबंग पिता पुत्र ने करीब 20 से 22 लोगो को ले जाकर मकान में बुलडोजर चला दिया और घर पर रखा कीमती सामान लूट लिया, स्थानीय पुलिस ने लीपापोती करते हुए हल्की फुल्की धाराओं में मुकदमा लिख लिया। पीड़ित परिवार ने इस अत्याचार के खिलाफ कमिश्नर से गुहार लगाई। कमिश्नर ने पीड़ित परिवार का दर्द समझा और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन देते हुए तत्काल मकान की बाउंड्री और पिलर का रेस्टोरेशन कराने का आदेश दिया। उपद्रवी पीड़ितों पर किसी तरह का हमला कर सकते थे। इसे ध्यान में रखते हुए 8 मई बुधवार को गांव में पीएसी और पुलिस बल तैनात कर टूटा हुआ निर्माण फिर से शुरू कराया।

पीड़ित शिवप्रसाद मिश्रा ने कहा कि भले ही इससे हमारे परिवार को मानसिक और आर्थिक क्षति पहुंची है। लेकिन हमें कानपुर पुलिस कमिश्नर से न्याय मिला, इससे भरोसा जगा है कि कानून और प्रशासन अगर साथ दे तो दबंगों के हौसले पस्त हो सकते हैं। हालांकि अभी भी परिवार को इन पिता पुत्र से जान का खतरा है। जिसके लिए शासन प्रशासन से सुरक्षा देने की गुहार भी लगाई है।

बार काउंसिल से भी की शिकायत
पीड़ित परिवार ने बताया कि दबंगो ने 2021 में जब उनकी बेटी गर्भावस्था में थी, वो गांव में कुलदेवी के दर्शन के लिए आई तो आरोपी देवेश ने उससे अभद्रता की और जबरन उसका वीडियो बनाकर फिर ट्विटर पर लिखकर वायरल करने की धमकी दी। इसके बाद सदमे से उबरकर बेटी ने बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश में अधिवक्ता देवेश बाजपेई की शिकायत की थी।

पीड़ित की बेटी ने बताया कि अधिवक्ता देवेश बाजपेई ने बार एसोसिएशन और बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के समक्ष अपने 307 और 420 जैसे गंभीर मुकदमे छुपाकर झूठा शपथ पत्र दिया है। दस्तावेजों के साथ इनका नामांकन रद्द करने को लेकर बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश में शिकायत पर सुनवाई जारी थी। इस शिकायत को वापस लेने का उन पर लगातार दबाव बनाया जा रहा था। शिकायत के दो साल बाद जब फैसला आने वाला था, इसी बीच देवेश बाजपेई ने उनके पैतृक घर पर बुल्डोजर चला दिया ताकि पीड़िता डर से अपनी शिकायत वापस ले ले।
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