उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले की सदर कोतवाली क्षेत्र में ज्ञानी गुरुवचन सिंह ने बताया, श्री गुरु ग्रंथ साहिब गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में मनाया गया गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश पर्व। श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश पर्व हर साल भादो महीने में मनाया जाता है, श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी सिख समुदाय का एक प्रमुख व पवित्र धर्मग्रंथ है। जिसे सिखों के पांचवें गुरु, गुरु अर्जन देव जी ने पहली बार साल 1604 में दरबार साहिब में प्रकाशमान किया था।

बाद में सिख धर्म के दसवें गुरु गोबिंद सिंह जी ने एक आदेश जारी किया कि अब से सिख लोग गुरु ग्रंथ साहिब जी को अपना गुरु मानेंगे और कोई देहधारी गुरु नहीं होगा, आज्ञा भई अकाल की तवे चलायो पंथ सब सिखन को हुकुम है, गुरु मान्यो ग्रंथ तभी से गुरु ग्रंथ साहिब सिख पंथ का शब्द गुरु बन गया, आज के दिन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के रखे गए।

साप्ताहिक पाठ की समाप्ति हुई और संगत द्वारा विगत वर्ष रखे गए गुरुग्रंथ साहिब के पाठ कीसमाप्ति व अरम्भता हुई ,आरम्भ हुए पाठ की समाप्ति अगले साल होगी ,आज पाठ की समाप्ति के उपरांत गुरुद्वार गुरु सिंह सभा में कीर्तन, अरदास हुई ,जिसके बाद ज्ञानी जी द्वारा गुरु ग्रंथ साहिब जी के बारे में बताया गया।

उसके बाद सामूहिक लंगर का आयोजन हुआ, ये सारा कार्यक्रम गुरूद्वारा श्री गुरु सिंह सभा के प्रधान सेवक सरदार चरनजीत सिंह, एवम कमेटी के सदस्यों व संगत के सहयोग से आयोजित किया गया इस अवसर पर जतिंदर पाल सिंह, सुरिंदर सिंह, सन्तोष सिंह, परमजीत सिंह, वरिंदर सिंह परमिंदर सिंह, गुरमीत सिंह, अर्शित, व महिलाओं में मंजीत कौर, हरविंदर कौर, सतबीर कौर, जसपाल कौर, तरुनप्रीत कौर, खुशी व अन्य भक्त जन उपस्थित रहे।
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