उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले के हथगाम विकास खंड के उच्च प्राथमिक विद्यालय कुंभीपुर के बच्चों ने कला, क्राफ्ट एवं संस्कृति संगीत महोत्सव की नाट्य विधा में पहला स्थान प्राप्त करते हुए विधालय का नाम रोशन किया है।डायट प्राचार्य संजय कुशवाहा ने शील्ड एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। साथ ही अनुदेशक महेंद्र सिंह के उत्कृष्ट कार्यों की प्रशंसा किया। शिक्षा, कौशल, नवाचार सांस्कृतिक क्षेत्र में जनपद एवं प्रदेश में अपनी पहचान बना चुकेे। उच्च प्राथमिक विद्यालय कुंभीपुर दिन प्रतिदिन शिखर की ओर अग्रसर है। विद्यालय कुंभीपुर विगत कई वर्षों से एक संविदाकर्मी अनुदेशक महेंद्र सिंह के भरोसे चल रहा है। बावजूद इसके शैक्षिक प्रतियोगिताओं, खेलकूद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों, नवाचार के माध्यम से बेसिक शिक्षा को नई दिशा देने, स्कूल में सारे बच्चों को कान्वेंट जैसी ड्रेस से सुशोभित करने,परिवेश स्वच्छ और सुन्दर बनाने में उत्कृष्ट योगदान के लिए कई जानी-मानी हस्तियों द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।अनुदेशक महेंद्र सिंह ने उच्च प्राथमिक विद्यालय कुंभीपुर के बच्चों में एक आश्चर्यचकित कर देना वाला परिवर्तन करके दिखाया है। जिसके लिए उन्हें कई अधिकारियों और मंत्रियों सहित दो अलग-अलग प्रदेश के राज्यपालों ने भी सम्मानित किया है। खंड शिक्षा अधिकारी नरेंद्र सिंह के निर्देशन में उच्च प्राथमिक विद्यालय कुंभीपुर के बच्चे लगातार सांस्कृतिक क्षेत्र में भी अपनी शानदार प्रस्तुति दे रहे हैं। इसी क्रम में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान फतेहपुर में यहां के बच्चों ने नाटक प्रस्तुत करते हुए डायट प्राचार्य सहित प्रवक्ताओं एवं गणमान्य लोगों को चकित कर दिया। विषम परिस्थिति में विद्यालय का संचालन कर रहे महेंद्र सिंह खुद लघु फिल्मों के एक अच्छे अभिनेता हैं।हाल ही में उनके बच्चे नाटक के क्षेत्र में लखनऊ में भी राज्य स्तरीय अधिकारियों के समक्ष शानदार प्रस्तुति दे चुके हैं। अपने संघर्ष को याद करते हुए अनुदेशक सिंह अक्सर कवि एवं शायर शिव शरण बंधु हथगामी की इन पंक्तियों को अपने साथ रखते हैं-उनसे पूछो कितनी मुश्किल यार उठानी पड़ती है, मझधारों के बीच जिन्हें पतवार उठानी पड़ती है, पहुंच नहीं जाता है कोई रातों-रात बुलंदी पर, छत पड़ने से पहले तो दीवार उठानी पड़ती है।
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