उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तेलियानी में कार्यशाला आयोजित कर फाइलेरिया रोगियों को दिया गया रोग प्रबंधन का प्रशिक्षण जिला मलेरिया अधिकारी ने मरीजों को नियमित व्यायाम करने और साफ सफाई रखने की दी सलाह। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिला स्वास्थ्य विभाग एवं सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तेलियानी में कार्यशाला आयोजित हुई। यहां मरीजों को फाइलेरिया रोग प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया गया। इसमें रोगियों को घाव की नियमित सफाई के तरीके बताये गये। इस दौरान कोराई गांव से आये फाइलेरिया मरीजों को मारबिडिटी मैनेजमेंट एंड डिस्बिलिटी प्रिवेंसनद्ध (एमएमडीपी) किट भी दी गई। कार्यशाला में जिला मलेरिया अधिकारी सुजाता ठाकुर ने तेलियानी ब्लाक के कोराई गांव के हुलिका माता फाइलेरिया सपोर्ट ग्रुप व शिव शंकर

फाइलेरिया सपोर्ट ग्रुप के सदस्य और नॉन पीएसजी ;पेसेंट सपोर्ट ग्रुपद्ध सदस्यो को फाइलेरिया रोग प्रबन्धन का प्रशिक्षण दिया। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया रोगी यदि नियमित साफ सफाई रखें और व्यायाम करें तो बीमारी कंट्रोल रहती है। सरकार भी फाइलेरिया रोगियों का पूरा ध्यान दे रही है। फाइलेरिया ग्रसित अंगों से पानी का रिसाव होता है। इस स्थिति में प्रभावित अंगों की साफ सफाई रखना बेहद जरूरी होता है। इसलिये मरीजों को फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत एमएमडीपी किट मुहैया कराई जा रही है। इस किट में प्रभावित अंगों की अच्छी तरह से साफ सफाई को लेकर टब, मग, तौलिया, साबुन, गरम पटटी व जरूरी चीजें दी जा रही है। किट पाकर फाइलेरिया रोगी खुश नजर आये। प्रशिक्षण में कुल 42 पीएसजी और नॉन पीएसजी सदस्य थे।

हुलीका माता फाइलेरिया सहायता समूह की माया देवी ने कहा कि जिस तरह से साफ सफाई और व्यायाम के बारे में बताया गया है। हम लोग आज से ही अपने पैर के साफ सफाई व व्यायाम करने पर ध्यान देंगे। इससे दर्द में और चलने में आराम तो मिलेगा। शिव शंकर फाइलेरिया सहायता समूह की राजरानी ने बताया की समूह में बताया गया था की रात में मच्छर काटने से फाइलेरिया होता है। अब मच्छरदानी लगा कर ही सोने से बचाव होगा। घर बाहर की सफाई करके हम मच्छरों को पनपने नहीं देंगे। एमएमडीपी किट के माध्यम से अपने रोग की देखभाल अच्छी तरीके से कर सकते हैं।

शिव शंकर फाइलेरिया सहायता समूह के रामलाल ने बताया की फाइलेरिया समूह से जुड़ने के बाद बहुुत राहत मिल रही है। योगा दवा के अलावा बहुत सी परेशानियों का भी समाधान हो रहा है। रोग की देखभाल के लिए एमएमडीपी किट भी मिल गई। प्रशिक्षण में एसीएमओ वेक्टर बार्न डिसीज डा० आर० के सिंह, सीएचसी व पीएचसी के नोडल अधिकारी डा० पी० बी० सिंह, एमओआईसी तेलियानी डा० ए० के० श्रीवास्तव, बीपीएम गौरव मिश्रा, बीसीपीएम भवानी सिंह, जिला मलेरिया निरीक्षक आशीष त्रिपाठी, आशा संगिनी शकुंतला, पुष्पा, उषा, गीता, संगीता, अनीता, आरती मौजूद रहीं।

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