उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले में आकांक्षी जनपद में पोषण 2. 0 के अंतर्गत पोषण भी पढाई भी के तहत आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के प्रशिक्षण का हुआ शुभारंभ जनपद में 14 बाल विकास परीयोजनओं के अंतर्गत 2944 आँगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत 2446 आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को 28 पृथक पृथक बैचों में दिया जा रहा है प्रशिक्षण आज 21 फरवरी 2025 से जनपद में पोषण भी पढाई भी (पीबीपीबी) के तहत आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम राज्य स्तरीय प्रशिक्षकों के माध्यम से आरंभ हुआ। जिसका शुभारंभ जिला कार्यक्रम अधिकारी साहब यादव बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के नेतृत्व में विकास खण्ड कार्यालय तेलियानी में स्थित प्रशिक्षण केंद्र में किया गया। कार्यक्रम के स्वागत भाषण में जिला कार्यक्रम अधिकारी ने समस्त आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों से तीन दिनों तक सजगता से प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु अनुरोध किया एवं बताया की पोषण भी पढ़ाई भी के अंतर्गत आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को तीन दिवसीय कार्यक्रम (18 घंटे अवधि) के माध्यम से आरंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) प्रशिक्षण दिया जाना है। विशेष प्रशिक्षण सत्रों में “नवचेतना- जन्म से तीन वर्ष तक के बच्चों के लिए प्रारंभिक बचपन प्रोत्साहन की राष्ट्रीय रूपरेखा, 2024 और आधारशिला- तीन से छह वर्ष तक के बच्चों के लिए प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम 2024 के अंतर्गत इसे डिजाइन किया गया हैं। प्रशिक्षण के दौरान बाल विकास परियोजना अधिकारी कन्हैया लाल के द्वारा कार्यकत्रियों को प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल समस्त सत्रों व विषयों के बारे में विस्तार से अवगत कराया। . प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में जिला कार्यक्रम समन्वयक अनुभव गर्ग ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को नवीन शिक्षा नीति 2020 के तहत 0 से 3 वर्ष के बच्चों के लिए आवश्यक ‘प्रारंभिक प्रोत्साहन’ (अर्ली स्टीमुलेशन) को महत्वपूर्ण रूप से सीखने पर जोर देने को कहा व बताया की घर में एवं आँगनबाड़ी केंद्रों पर बाल संवेदी खिलौनों के माध्यम से सीखने अवसरों को बढ़ाने से बच्चों के बौद्धिक एवं मानसिक विकास में प्रभावकारी सहयोग मिलता है जिसके लिए कार्यकत्रियां आँगनबाड़ी केंद्रों में संवेदी खेल के कोनो की स्थापना कर सकती है, वहीं 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए ‘अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन’ हेतु दीवारों एवं फर्श पर चित्रों के माध्यम से कहानियाँ, गीत आदि सुना कर भी सीखने के अवसर प्रदान कर सकती हैं। जिससे बच्चों का उम्र के अनुसार संज्ञानात्मक,भावनात्मक भाषा, रचनात्मक, शारीरिक और सामाजिक विकास पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है। साथ ही उन्होंने बताया की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को पोषण और शिक्षा के समन्वय के महत्व के बारे में इन तीन दिनों में लगातार प्रशिक्षण दिया जावेगा। उन्होंने बताया कि बच्चों के मस्तिष्क का 85% विकास 6 वर्ष से कम आयु में होता है, और यदि इस दौरान बच्चों को उचित पोषण और शिक्षा मिले तो उनके भावी विकास की संभावनाओं में अपार वृद्धि हो सकती है। स्वास्थ्य एवं पोषण विशेषज्ञ सोनल रूबी राय , विक्रमशिला एज्युकेशन रिसोर्स सोसायटी ने अपने सत्रों में वीडयो के माध्यम से बच्चों में गर्भ से ही सीखने की शुरुवात पर जोर देते हुए बताया की गर्भावस्था के दौरान घर के माहौल एवं गर्भवती महिला को दी जाने वाली देखभाल का बच्चे के मानसिक विकास पर गहरा असर होता है। उन्होंने टीकाकरण कार्ड को अत्यंत प्रभावकारी जानकारी से परिपूर्ण टूल के रूप में समझाते हुए बताया की जो यह शिक्षण सामग्री गर्भावस्था से लेकर 6 वर्ष तक हर माता पिता एवं देखभालकर्ता के पास सहज उपलब्ध होता है। आंगनबाड़ी केंद्रों को सशक्त बनाने हेतु प्राथमिकता के साथ सीडीपीओ कन्हैया लाल ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों को मानव संसाधनों के विकास की नर्सरी के रूप में और अधिक सक्षम बनाना सरकार की प्राथमिकता है जिसमें फतेहपुर जिला उत्तर प्रदेश का पहला जिला है जिसमें आँगनबाड़ी केंद्रों को नीति आयोग , वैन लीर फाउंडेशन एवं विक्रमशिला के सहयोग से लाइट हाउस के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है । मास्टर ट्रेनर प्रभावती गुप्ता बताया की यह प्रशिक्षण आंगनवाड़ी केंद्रों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से शुरू किया गया है। आंगनवाडी कार्यकत्रियों की क्षमता-निर्माण की परिकल्पना आंगनवाड़ी को उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे, खेल उपकरण और अच्छी तरह से प्रशिक्षित आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के साथ एक शिक्षण केंद्र में बदलने की दिशा में पहले कदम के रूप में की गई है। कार्यक्रम के दौरान मुख्य सेविका एवं प्रशिक्षक भानुमति, सुमन सिंह आदि भी सक्रीय रूप से उपस्थित रहीं। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 100 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने भाग लिया। बाल विकास परियोजना अधिकारी कन्हैयालाल ने कहा कि यह प्रशिक्षण का प्रथम चरण है आगामी कार्ययोजना अनुसार सभी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षण दिया जायेगा।
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