उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले में नीति आयोग के निर्देशानुसार संचालित परियोजना जीवन के प्रथम 1000 दिवस के अंतर्गत चयनित हाई टच मॉडल ग्राम बिलंदपुर (ब्लॉक तेलियानी, उत्तर प्रदेश) की ग्राम प्रधान *रेखा देवी* (पत्नि सुरेश कुमार गौतम) को भारत में कनाडा के उच्चायोग और इम्पैक्ट एंड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट , नई दिल्ली द्वारा आमंत्रित किया गया है। वह 5 मार्च को नई दिल्ली स्थित कनाडा उच्चायोग कार्यालय में आयोजित *”She Leads: Women’s Leadership in Politics at Subnational Levels”* कार्यक्रम में *महिला जनप्रतिनिधि* के रूप में ग्राम पंचायत में बच्चों एवं महिलाओं के लिए किए गए अभूतपूर्व विकास कार्यों को साझा करेंगी। इस अवसर पर वे आकांक्षी जनपद में संचालित नवाचारों को प्रस्तुत कर जनपद का गौरव बढ़ाएंगी। कार्य्रकम के दौरान वे कैनेडा के उच्चायोग में कार्यवाहक राजदूत, जेनिफर डॉबेनी, डॉ. सिमी मेहता (सीईओ, प्रभाव एवं नीति अनुसंधान संस्थान) एवं कैनेडा के उच्चायोग में उप उच्चायुक्त, जियोफ्री डीन से भी मिलेंगी व भारत में महिला ग्राम प्रधान के रूप उनके अनुभवों एवं चुनौतियों को भी साझा करेंगी। रेखा देवी, जो कि निम्न शैक्षणिक स्तर और गरीबी के संघर्षों से गुजरी हैं, बिलंदपुर की महिला प्रधान के रूप में अपने गांव के सर्वांगीण विकास का सपना देखती हैं। वे भारत की परंपराओं और स्त्री की मान-मर्यादाओं के दायरे में रहते हुए सशक्त नेतृत्व स्थापित करना चाहती हैं। उनका लक्ष्य महिलाओं के नेतृत्व को सशक्त बनाना, पंचायत स्तर पर प्रभावी नीतियां लागू करना और अपने समुदाय को एक आत्मनिर्भर व प्रगतिशील गांव के रूप में विकसित करना है। रेखा देवी का सपना न केवल बिलंदपुर को विकास की राह पर आगे बढ़ाना है, बल्कि महिलाओं को नेतृत्व की भूमिका में लाकर पूरे समाज को बदलने की प्रेरणा देना भी है। वे परंपराओं का सम्मान करते हुए एक ऐसे आदर्श ग्राम का निर्माण करना चाहती हैं, जहां हर व्यक्ति समान अवसर प्राप्त करे और महिलाओं की भागीदारी को पूर्ण रूप से स्वीकार किया जाए। ग्राम प्रधान *रेखा देवी* द्वारा किए गए इन प्रयासों को राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करने का अवसर मिलना जनपद के लिए गौरव की बात है।
इस राष्ट्रीय कार्यशाला में महिलाओं के राजनीतिक नेतृत्व एवं शासन कौशल के विकास पर चर्चा होगी, जिसमें— ✅ पंचायत, नगरपालिका और राज्य विधानसभा स्तरों पर शासन की संरचना की समझ। ✅ राजनीति में महिलाओं की भागीदारी, वकालत, सार्वजनिक वक्तव्य देना और नेटवर्किंग। ✅ लिंग आधारित पूर्वाग्रहों एवं रूढ़ियों को दूर करने के उपाय। ✅ नीति निर्माण, सामुदायिक सहभागिता और प्रभाव मूल्यांकन। ✅ वित्तीय साक्षरता एवं जनहित में नैतिक निर्णय-निर्माण। बाल हितैषी नवाचारों में बिलंदपुर ग्राम पंचायत की भूमिका परियोजना के वरिष्ठ सलाहकार एवं कार्यक्रम अधिकारी अनुभव गर्ग ने बताया कि ग्राम पँचायत बिलंदपुर में महिला प्रधान रेखा देवी द्वारा वैन लीर फाउंडेशन एवं विक्रमशिला एजुकेशन रिसोर्स सोसाइटी के संयुक्त तकनीकी सहयोग से पिछले दो वर्षों से भी अधिक समय से ग्राम में अनेक बाल हितैषी नवाचार किए जा रहे हैं। ग्राम पंचायत में *हाई टच आंगनबाड़ी केंद्र* को बाल-संवेदनशील स्थान (लाइट हाउस) मॉडल में परिवर्तित किया गया है, जिसमें🔹 बच्चों के सीखने के अवसर बढ़ाने के लिए विभिन्न लर्निंग कॉर्नर बनाए गए हैं।🔹 लो-हाइट ब्लैकबोर्ड, फ्लोर पेंटिंग, सॉफ्ट बोर्ड एवं शिक्षाप्रद चित्रकारी विकसित की गई हैं।🔹 समुदाय में व्यवहार परिवर्तन हेतु नवीन शिक्षा नीति-2020 के तहत *0-3 वर्ष के बच्चों के लिए ‘प्रारंभिक प्रोत्साहन’ (बाल संवेदीकरण)* पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।🔹 घर और आंगनबाड़ी केंद्रों पर बाल संवेदी खिलौनों के माध्यम से बच्चों के सीखने के अवसर बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। मातापिता द्वारा ग्राम में अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन’ हेतु दीवारों एवं फर्श पर चित्रों के माध्यम से कहानियाँ, गीत आदि सुना कर भी सीखने के अवसर प्रदान किये जा रहे हैं। जिससे बच्चों का उम्र के अनुसार संज्ञानात्मक, भावनात्मक भाषा, रचनात्मक, शारीरिक और सामाजिक विकास पर विशेष ध्यान दिया जा सके। बच्चों के मस्तिष्क का 85% विकास 6 वर्ष से कम आयु में होता है, और यदि इस दौरान बच्चों को उचित पोषण और शिक्षा मिले तो उनके भावी विकास की संभावनाओं में अपार वृद्धि हो सकती है। रेखा देवी ज़िले में ही नहीं राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर जनपद को इन नवचारों के माध्यम से एक नई पहचान देना चाहतीं है।
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