केंद्र सरकार से लेकर प्रदेश सरकार सरकारी अस्पतालों में मरीज़ों को बेहतर इलाज के लिए करोङो रुपये का बजट दे रही है। लेकिन धरती के भगवान् कहे जाने वाले डाक्टर सुधरने का नाम तक नहीं ले रहे हैं। ताज़ा मामला उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के महिला जिला अस्पताल का है। जहाँ डाक्टरो की लापरवाही के चलते एक गर्भवती महिला ने दम तोड़ दिया। महिला की मौत के बाद परिजनों का रो रो बुरा हाल रहा वहीँ महिला जिला अस्पताल में रोते बिलखते परिजनों को देखने वालों की भीड़ लगी रही।

महिला जिला अस्पताल में रोते बिलखते इन परिजनों को देखिये जिन्हे यह तक नहीं पता था की जिस अस्पताल को मंदिर और डाक्टरो को भगवान् मानकर गर्भवती महिला को लेकर आये है। वही डाक्टर महिला की मौत का कारण बन जायेगें। वहीँ मृतिका के परिजन दिनेश ने बताया हम लोग इजीरा खुर्द गाँव के निवासी है। हम लोग गर्भवती को हथगाम पीएचसी में भर्ती कराया था। जहाँ डाक्टरो ने उसे घंटो भर्ती किये रखा उसके बाद महिला जिला अस्पताल भेज दिया। जहाँ महिला ने महिला जिला अस्पताल में दम तोड़ दिया।

आपको बताते चले कि इधर जिला अस्पताल की खबरे बराबर प्रकाश में आने पर स्वास्थ विभाग हरकत में आया और आज मेडिकल कॉलेज के प्रिंसपल आर० पी० सिंह ने प्रेस कांफ्रेन्स बुलाई थी। जिसमे महिला जिला अस्पताल व पुरुष जिला अस्पताल के दोनों सी०एम०एस० भी उपस्थित थे। उसी बीच सूचना मिली कि महिला जिला अस्पताल में गर्भवती महिला की मौत हो गई है। अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता हैं की जिस अस्पताल के लिए करोडो रुपये का बजट देकर डाक्टरो को बेहतर इलाज करने की हिदायत दी जा रही हो वही गर्भवती महिला की मौत हो रही हो अपने आप में बड़ा सवाल हैं |

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