उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले के थारियावं थाना क्षेत्र निवासी का शव छत्तीसगढ़ से 36 घंटे के बाद एबुंलेस से पैत्रिक गाँव पहूंचा तो घर मे कोहराम मच गया। 36 घण्टे पूर्व जब मौत की खबर परिजनो को मिली तब से मृतक के घर में चूल्हा नहीं जला। आसपास के रिश्तेदारों ने ढांढस बधाया वही अंतिम संस्कार में सैकड़ों रिश्तेदार पहुंचे। थाना क्षेत्र के फरीदपुर गाँव निवासी 30 वर्षीय श्याम कुमार पासवान पुत्र स्व. जगदेव पिछले 8 वर्षों से छत्तीसगढ़ राज्य के एक डीएलवी कंपनी में डंफर गाड़ी चलाकर परिवार का भरण पोषण कर रहा था। 24 मार्च को रिश्तेदारों के माध्यम से घर में सूचना मिली कि पति की अचानक तबीयत खराब हो गई। एंबुलेंस से अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहाँ डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया गया। छत्तीसगढ़ राज्य से 36 घंटे के बाद गाँव में एबुंलेस से शव गाँव में पहूँचा। ताबूत में शव देखते ही गर्भवती पत्नी सुलेखा देवी पति के शव से लिपट कर रोते-विलखती रही। पति के नाम का सिंदूर हमेशा के लिए उजड़ गया। तो वही 3 वर्षीय पुत्री शानवी हमेशा के लिए अनाथ हो गई। मां और बडें भाई रामौतार, मझले भाई राम सुफल, सबसे छोटा भाई रामू् पासवान, एवं बहन लक्ष्मी देवी, रूकमनि देवी, रो-रोकर बेहाल है। बड़े भाई रामौतार ने बताया कि सबसे छोटा भाई श्याम छत्तीसगढ़ राज्य के एक कंपनी में 8 वर्षों से डंपर गाड़ी चलाते थे। 24 मार्च को सूचना मिली कि अचानक भाई की तबियत खराब हो गई। वहाँ पर रिश्तेदार पहूंच कर जानकारी लिए तो डाक्टरों ने भाई को मृत घोषित कर दिया। 25 वर्ष पूर्व सड़क हादसे में पिता की मौत हुई थी। परिवार आर्थिक स्थिति इतनी खराब रहीं कि बड़ी मुश्किल से मजदूरी करके भरण पोषण चल रहा था। छोटी बहू गर्भवती है कुछ दिनों में डिलवरी हो जायेगी और 3 वर्ष की एक पुत्री है हमेशा के लिए अनाथ हो गई है।
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