उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले की खागा तहसील क्षेत्र में भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट के जिला उपाध्यक्ष पप्पू सिंह अखरी एवं ब्लॉक अध्यक्ष संतोष द्विवेदी के नेतृत्व में अखरी ग्राम पंचायत के खालिसपुर में गौशाला निर्माण की मांग को लेकर कार्यकर्ताओं ने हथगाम ब्लॉक मुख्यालय में डेरा डाल दिया। किसान नेता अपने साथ खाने पीने का सामान भी लाए थे और अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने का ऐलान किया था। बाद में नायब तहसीलदार विजय प्रकाश तिवारी, खंड विकास अधिकारी विपुल विक्रम सिंह चौहान, सहायक विकास अधिकारी पंचायत अनुपम शर्मा, सचिव हीरा लाल आदि अधिकारियों ने खालिसपुर जाकर गौशाला निर्माण के लिए भूमि की पैमाइश की। तब धरना समाप्त हुआ। नायब तहसीलदार को ज्ञापन भी दिया गया। आखरी ग्राम पंचायत में गौशाला के निर्माण को लेकर एक बार किसान नेताओं ने पशुओं के साथ भी ब्लॉक मुख्यालय में प्रवेश करने की कोशिश की थी लेकिन उस दिन समझा बुझाकर मना लिया गया था। मंगलवार को खाने पीने का सामान और बर्तन के साथ फिर किसान फिर ब्लॉक मुख्यालय में बैठ गए तो अधिकारियों के हाथ पांव फूलने लगे। उधर आज हिंदी दैनिक से बात करते हुए किसान नेता पप्पू सिंह अखरी ने कहा कि हथगाम क्षेत्र के समापुर गांव में पीपे के पुल का निर्माण नहीं हुआ तो जल सत्याग्रह किया जाएगा। किसान नेताओं ने नायब तहसीलदार विजय प्रकाश तिवारी को ज्ञापन दिया जिसमें अखिरी ग्राम पंचायत के खालिसपुर गांव में गौशाला का अति शीघ्र निर्माण, समापुर घाट में पीपे के पुल का निर्माण तथा इसी गांव में शव दाह गृह का निर्माण, जल जीवन मिशन द्वारा पानी की टंकी खालिसपुर से वाटर सप्लाई, ग्राम सभा कूंधन के गांव तहिरापुर में रास्ते का निर्माण किया जाए।किसान नेताओं ने बताया कि इस सड़क के निर्माण के लिए कई वर्ष पहले जिलाधिकारी ने कैंप लगाकर निर्माण की कराए जाने की घोषणा की थी जो आज तक नहीं पूरी हो सकी। इस मौके पर पप्पू सिंह संतोष द्विवेदी के साथ-साथ श्याम सिंह, धीरू सिंह, मोनू सिंह, रोशन मौर्य, धीरज सिंह,युवराज सिंह, शिव शंकर सिंह, विक्रम सिंह, रौनक सिंह, हर्षित सिंह, धीरज यादव आदि किसान नेता मौजूद रहे। जिला उपाध्यक्ष पप्पू सिंह ने बताया कि समापुर घाट पर पीपे के पुल के निर्माण की मांग को लेकर कई बार आंदोलन किया गया। पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा नापजोख भी की गई लेकिन इसके बाद पुल के निर्माण को लेकर आगे कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने बताया कि एक माह के भीतर अगर इस पर कार्रवाई नहीं की जाती है तो भारतीय किसान यूनियन की ओर से जल सत्याग्रह की घोषणा कर दी जाएगी। किसान पानी के अंदर धरना देंगे और तब तक नहीं हटेंगे जब तक पुल के निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो जाता अथवा सामग्री नहीं डाल दी जाती।
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