उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले की सदर कोतवाली क्षेत्र स्थित तंबेश्वर मंदिर प्रांगण में आज होम्योपैथिक चिकित्सा मेला का आयोजन हुआ जिसका उदघाटन एवं अध्यक्षता विधायक राजेंद्र पटेल द्वारा होम्योपैथी चिकित्सा में विभिन्न रोगों का इलाज करने के लिए पौधों और खनिजों जैसे प्राकृतिक पदार्थों की नैनो खुराक का उपयोग होता है। यह उपचार अचानक होने वाली और साथ ही पुरानी स्थितियों, बुखार और खांसी से लेकर गठिया तथा मधुमेह जैसी जीवन शैली की बीमारियों का इलाज कर सकते हैं। एक समग्र चिकित्सा होने के नाते, यह केवल व्यक्तिगत लक्षणों का इलाज नहीं करती है, बल्कि संपूर्ण उपचार के लिए व्यक्तित्व के साथ-साथ व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक स्थिति पर भी ध्यान देती है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रयागराज डॉ सुमन रहेजा, ने बताया होम्योपैथी एक सुरक्षित और सौम्य चिकित्सीय तरीका है जो कई प्रकार की बीमारियों का प्रभावी उपचार कर सकता है। यह गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों सभी के लिए सुरक्षित है। यह उन व्यक्तियों द्वारा भी ली जा सकती है जिन्हें मधुमेह या लैक्टोज असहिष्णुता है । होमियोपैथी माहवारी अनियमत्ता, संक्रामक रोगों, रसौली ओवेरियन सिस्ट, गांठ, बांझपन स्तन की गांठ, पीडियाट्रिक रोग, बच्चों के रोग , गुर्दे की खराबी, गुर्दे स्टोन्स , लीवर की बीमारियां रोग, जोड़ों के रोग , पेट के सभी रोग, स्किन , चर्म रोग सफेद दाग, बालों की समस्या, होमियोपैथी चर्म रोग के इलाज में सर्वाधिक लोकप्रिय एवं कारगर है, मस्से नाम जैसे ही आता है थूजा भी याद आती है। आजकल डेंगू बहुत फैला है यूपाटोरियम, कैरिका, टिनोस्पोरा, क्रोट होर 6 ,काफी कारगर है। सभी दवाएं हमारे चिकित्सालयों में मौजूद हैं ।

प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए यह सभी कारगर हैं। चिकित्सा का 200 साल पुराना विज्ञान होने के बावजूद, होम्योपैथिक चिकित्सा से किसी भी स्वास्थ्य संबंधी खतरे को साबित करने वाले अध्ययन सामने नहीं आया हैं। होम्योपैथी के योग्य और पंजीकृत चिकित्सक अन्य स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं की तरह अपने पेशे की सीमाओं के भीतर कार्य करते हैं, जिन्हें राष्ट्रीय दिशानिर्देशों द्वारा विनियमित किया जाता है। होम्योपैथी की प्रभावकारिता को सिद्ध किया है। होमियोपैथी का उपयोग विभिन्न स्थितियों और सामान्य बीमारियों के लिए सुरक्षित और प्रभावी रूप से किया जा सकता है। यह पारंपरिक चिकित्सा के कार्य में हस्तक्षेप नहीं करती है और पूरक चिकित्सा के रूप में इस्तेमाल की जा सकती है। डॉ जय सिंह पटेल ने बताया होम्योपैथिक दवाओं का उपयोग सर्जरी के बाद जल्दी ठीक होने के लिए पारंपरिक चिकित्सा के साथ या अकेले किया जा सकता है। होम्योपैथी चिंता और हल्के से गंभीर अवसाद डिप्रेशन के उपचार में उपयोगी है।

जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी डॉ अमरीष चन्द्रा ने कहा कि जनमानस के लिए होम्योपैथी एक सुरक्षित और आसान उपाय तो है,लेकिन इसे किसी योग्य होम्योपैथिक चिकित्सक से परामर्श के बाद ही लिया जाना चाहिए। चिकित्सक कई कारकों पर विचार करते हैं, जिसमें आपकी आयु, स्थिति, बीमारी की गंभीरता, चरण और आपके पिछले इतिहास को शामिल करके सही दवा की पहचान करते हैं, जो आपके तेजी से ठीक होने के लिए सबसे अच्छा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि होमियोपैथिक चिकित्सा उन्हीं ऊतकों पर कार्य करती है जो रोग से प्रभावित होते हैं और लक्षणों के उपचार के लिए शरीर की अपनी चिकित्सा प्रणाली इम्यूनिटी सिस्टम को उत्तेजित करती हैं। डॉ जया निगम ने बताया होम्योपैथी चिकित्सा रोगी की शारीरिक शिकायतों, वर्तमान और पिछला चिकित्सा इतिहास, व्यक्तित्व और वरीयताओं सहित विस्तृत इतिहास को ध्यान में रखती है। चिकित्सा की यह प्रणाली व्यक्ति की बीमारी को ही नहीं बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य को ठीक करने पर केंद्रित होती है। होमियोपैथी इस विधा पर चलती है कि शरीर खुद को ठीक कर सकता है। इसी सिद्धांत को मानते हुए होमियोपैथिक दवाओं को तैयार किया जाता है । उसे जड़ से खत्म करने के लिए शरीर की सेल्फ हीलिंग क्षमता को सक्रिय करती हैं। होम्योपैथिक दवाओं को कई रूपों में बनाया जाता है, जैसे कि गोलियां, पिल्स और ड्रॉप्स जो उनकी खुराक के डोज को निर्धारित करती हैं। छोटी बीमारियों के लिए, होम्योपैथी को घर पर लिया जा सकता है। लेकिन नियमित दवा लेने के बावजूद ठीक नहीं होने वाली पुरानी बीमारियों और आम रोगों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि चिकित्सक आपके अ मिआस्म होम्योपैथिक उपचार दर्शन की एक महत्वपूर्ण आधारशिला हैं। कुशल एवं मेडिकल शिक्षा से दक्ष होम्योपैथिक चिकित्सक मिआस्म और पुरानी व जटिल बीमारियों के इलाज में उत्कृष्टता प्राप्त करते हैं। यह क्रिया घर पर हम स्वयं नहीं कर सकते हैं।

डॉ सुमन रहेजा , मुख्यचिकित्सा अधीक्षक प्रयागराज मंडल ने बताया कि आयुष मंत्रालय की इच्छानुसार सभी चिकित्सालय परिसर स्वच्छ हैं।सभी चिकित्सालयों में दवा पूरी है विभिन्न रोगों के लिए जनता पहुंचे, जन प्रतिनिधि, विधायक, सांसद जी सभी हमारा जन स्वस्थ कल्याण होमियोपैथी द्वारा हमारा सहयोग कर रहें हैं।होम्योपैथी दो सदियों से भी अधिक पुरानी चिकित्सा पद्धति है। यह आम बीमारियों, जीवनशैली संबंधी विकारों और पुरानी बीमारियों के इलाज के लिए काफी हद तक सुरक्षित, प्रभावी तथा जेब के अनुकूल विकल्प है। हालांकि, एक योग्य होम्योपैथिक चिकित्सक से परामर्श के बाद ही यह चिकित्सा ली जा सकती है। चिकित्सा मेला, डॉ जय सिंह पटेल, डॉ कमलेश बाबू सचान , डॉ शेख नूरुल होदा , डॉ अशोक वर्मा, डॉ गणेश निगम , डॉ जया निगम, डॉ पुष्पेंद्र सिंह के संरक्षण में आयोजित हुआ। चिकित्सा मेले में डॉ गणेश निगम, डॉ अनुपम मालवीय, डॉ धीरेंद्र , डॉ शेख नूरुल। डॉ कौस्तुभ , डॉ पूजा, डॉ स्वाति , डॉ ऋचा, डॉ अंजलि, डॉ नीतू, डॉ संदीप, डॉ रवि आदि मेले में आए रोगियों को उपचारित किया एवं फार्मासिस्ट ने सहयोग किया। मेले में करीब लगभग 889 मरीजों को उपचारित किया गया।
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