उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हसवा, में “नशा मुक्त भारत अभियान” के तहत जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डा० राजेन्द्र कुमार द्वारा की गई। उन्होंने बताया कि मादक दृव्यों के सेवन की समस्या से निपटने एवं भारत को नशा मुक्त बनाने के उद्देश्य से 15.10.2020 को “नशा मुक्त भारत अभियान” की शुरूआत की गई थी।भारत देश में व्यापक राष्ट्रीय सर्वेक्षण और नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो से प्राप्त इनपुट के आधार पर कमजोर संवेदनशील 32 राज्य, केन्द्र शासित प्रदेशों के 272 जिलों की पहचान की गई है। जिसमें नशीली दवाओं के उपयोग के मामले सबसे अधिक सर्वेक्षण में पाया गया है कि देश में 60 मिलियन से अधिक ड्रग उपयोगकर्ता हैं। जिनमें से एक महत्वपूर्ण संख्या 10-17 वर्ष की आयु वर्ग के बीच है। अतः इसकी रोकथाम के लिये हम सबको आगे आना होगा।
इसी क्रम में डा० अनुपम कुमार, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, प्रा०स्वा०केन्द्र हसवा ने बताया कि देश में नशीली दवाओं की लत एक गम्भीर चिन्ता का विषय बनती जा रही है। खासकर युवा पीढ़ी में, जो कि देश का भविष्य है। इस क्रम में श्री महेन्द्र सिंह लोधी, अपर शोध अधिकारी द्वारा बताया गया कि नशीली दवाओं का सेवन करने वाले व्यक्ति पर बल्कि पूरे परिवार एवं समाज पर भी खतरनाक परिणाम सामने आ रहे हैं। नशीली दवाओं का दुरूउपयोग के कारण शरीर ही नहीं बल्कि मनुष्य मानसिक तौर से अपंगता की ओर बढ़ रहा है। स्वयं सेवी संस्था उ०प्र० वालेन्ट्री हेल्थ एसोसिएशन के रीजनल कोआर्डिनेटर ने बताया कि कई युवा बुरे व्यसनों की लत का शिकार होकर अपना भविष्य तो बर्बाद कर ही रहे है इसके साथ ही गुनाह की राह पर भी आगे बढ रहें है जो हम सब के लिए चिंता का विषय है । आज आवश्यकता इस बात की है कि नशे के आदी लोगों को खासकर युवाओं को सही राह दिखाकर उन्हें नया जीवन देने के लिए पूरा समाज इस दिशा में जिम्मेदारी से सामूहिक प्रयास करें। सभी अधिकारी कर्मचारी एवं आशा बहुओं को “नशा मुक्त भारत अभियान” के तहत शपथ दिलाई गई। इस कार्यक्रम में लगभग 250 लोगों ने प्रतिभाग किया।
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