उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले में करबला में इमाम हुसैन की शहादत के बाद उनके बेटे इमाम ज़ैनुल आब्दीन की शहादत पर पुरसा देने के लिए अकीदतमंदों ने खागा तहसील क्षेत्र के मंडवा सादात गांव में मजलिस कराकर उनकी याद में ताबूत निकालकर देर रात तक नौहाखानी और मातमजनी का कार्यक्रम चलता रहा, इस दौरान लंगर और सबील का दौर चलता रहा है। बताते चलें कि रविवार को इस्लाम धर्म के पैगम्बर मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन की करबला में हुई शहादत के बाद उनके बीमार बेटे ज़ैनूल आब्दीन जिनको बीमारे आबिद भी कहा जाता है, वो लुटा काफिला लेकर मदीने पहुंचे जहां सबसे पहले उन्होंने अपने नबी की चौखट पहुंचकर रो – रोकर करबला की दास्तान सुनाई। इसी तरह से आगे चलकर 20 मुहर्रम को उनका विशाल (मौत) हुई जिसको उनके मानने वाले हर 20 मुहर्रम को उनकी याद में ताबूत और जुलूस निकालते हैं। इसी कड़ी में मंडवा सादात गांव में बीते एक दशक से ज्यादा से इमाम ज़ैनुल आब्दीन की शहादत पर मजलिस, जुलूस और नौहा ख्वानी एवं मातमजनी का कार्यक्रम होता आ रहा है। कार्यक्रम की शुरुआत मजलिस से हुई। मजलिस को मौलाना जावेद काज़मी लखनवी ने खिताब किया। उसके बाद ताबूत के साथ जुलूसे हुसैनी निकाला गया। इस दौरान पूरा गांव लब्बैक या हुसैन की सदाओं से गूंजता रहा। उसके बाद नौहा ख्वानी एवं मातमजनी का दौर शुरू हुआ। इस दौरान अंजुमने अब्बासिया बांदा के साथ अंजुमन नूरी हैबतपुर, अंजुमने नवाबिया काजीपुर, अंजुमने हुसैनिया मंडवा सादात के साथ ही अंजुमने अब्बासिया निजाम का पुरवा (कौशाम्बी) ने अपनी पेशकश। खासकर बांदा से आई अंजुमन ने पूरे माहौल को हुसैनी रंग में रंग दिया। नौहाख्वानों ने इमाम हुसैन की बहन बीबी ज़ैनब की दास्तान और उनकी गुहार को नौहा की शक्ल में पेश किया लोगों के आंखों से अश्क बहते रहे। वहीं नौहा ख्वानों में मुख्य किरदार निभाने वाले शमशुल हसन रिज़वी (छोटू बांदवी) ने लोगों का मन मोह लिया। इसके अलावा निजाम का पुरवा से नौहा पढ़ने वाले अरशद नक़वी, आशु और राहिब के अलावा हैबतपुर के नौहाखान शाहिद ने शानदार पेशकश की। इस दौरान पत्रकारों के शीर्ष संगठन साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन (सीजेए) के प्रदेश अध्यक्ष शहंशाह आब्दी ने भी मंच पर उपस्थित होकर मातम करते हुए नौहा ख्वानों की खूब हौसला अफजाई की। वहीं उनके साथ साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव शीबू खान तथा खागा तहसील कोषाध्यक्ष एवं बहेरा सादात के पूर्व प्रधान ताज आब्दी ने भी अंजुमन का हौसला बढ़ाया है। कार्यक्रम में मुख्य रूप से अहमद रज़ा (अल्लन), सफदर हुसैन, गालिब रज़ा, रज़ा अब्बास, हैदर अब्बास, मुख़्तार अस्करी (प्रधानाचार्य), इमरान हैदर सहित कई जिम्मेदारों ने अहम भूमिका निभाई है।
नोट:- पूरे महीने का विज्ञापन बुक कराए कम कीमत में सम्पर्क करें। 9044684414

By