उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले के ग्राम हस्नापुर दुगरेई गाँव निवासी ठाकुर सुनील कुमार सिंह ने महंगी होती रसोई गैस के बीच व्यापारी ने खोजा सस्ता ईंधन लोहे के आधुनिक चूल्हे पर आधा किलो लकड़ी में तैयार होता एक वक़्त का भोजन अधिवक्ताओं और वादकारियों के बीच आकर्षण का विषय रहा आधुनिक चूल्हा बनाकर सुनील ने बनाया रोजगार का नया रास्ता, 50 हजार का व्यापार किया। दिन प्रतिदिन महंगी होती रसोई गैस के बीच एक व्यापारी ने रसोई के लिए एक सस्ते ईंधन की खोज कर ली है। व्यापारी ने ऐसे लोहे के आधुनिक चूल्हे का अविष्कार किया है, जिसमें मात्र आधा किलो लकड़ी में एक परिवार के लिए एक वक़्त का भोजन तैयार हो जाता है। आधा किलो लकड़ी की कीमत साढ़े तीन रुपये है। व्यापारी ठाकुर सुनील कुमार सिंह फतेहपुर जिले के ग्राम हस्नापुर दुगरेई के निवासी हैं। जो हैण्ड मेड टाइल्स का प्रशिक्षण देने के लिए पूना गये थे। वहां उन्होंने गैस चूल्हे की तरह ही लोहे का चूल्हा देखकर स्वयं उस चूल्हे को तैयार किया। 6 माह के होमवर्क के बाद 20 चूल्हे तैयार किये और बेचकर 50 हजार का व्यापार किया। व्यापारी ठाकुर सुनील सिंह ने बताया कि उनके द्वारा बनाये गये लोहे के इस आधुनिक चूल्हे को लोग पसन्द कर रहे हैं और आर्डर भी उनको मिल रहा है। कचेहरी में अधिवक्ताओं और वादकारियों के बीच लोहे का यह आधुनिक चूल्हा आकर्षण का विषय रहा। लोग देखते रहे और प्रयोग का तरीका भी पूछते रहे। व्यापारी ने बताया कि उक्त चूल्हे में एक छोटी बैटरी व पंखा लगा है। बैटरी से पंखा चलता है और रेगुलेटर से चूल्हे की आंच को अधिक और कम किया जा सकता है। खास बात यह है कि इस चूल्हे में भी माताओं और बहनों को फुंकनी की आवयकता नहीं पड़ेगी। 7 रुपये किलो लकड़ी है। इस हिसाब से एक छोटे परिवार का 10 रुपये में सुबह का नास्ता सहित दोनों वक़्त का भोजन बन जायेगा। पूरे माह की लकड़ी का खर्च लगभग 300 रुपये आयेगा। जो एक रसोई गैस सिलेण्डर भरवाने की कीमत का करीब-करीब चौथाई है

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