उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले में वर्ष 2011 में हुए फरहत फातिमा उर्फ जीनत हत्याकांड में सुनवाई करते हुए न्यायालय ने अभियुक्त इरफान उर्फ गुड्डू को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई। कोर्ट नंबर एक में सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ने अभियुक्त इरफान अहमद उर्फ गुड्डू को जघन्य हत्याकांड का दोषी मानते हुए किसी तरह की राहत न देकर आजीवन कारावास की कठोर सजा अर्थ दण्ड की सज़ा सुनाई।

आपको बता दें की जिले के सदर कोतवाली क्षेत्र के मसवानी मोहल्ला निवासिनी फरहत फातिमा उर्फ जीनत के गायब होने की सूचना 29 अगस्त 2011 में परिजनों ने सूचना दर्ज कराई थी। जिस पर कोतवाली पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए धारा 364 में मुकदमा दर्ज करके जांच कर रही थी। जांच के दौरान युवती का चचेरा भाई इरफान अहमद उर्फ गुड्डू को हिरासत में लेकर पूछताछ के दौरान हत्याकांड की बात सामने आई।

युवक की निशानदेही पर पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त चाकू व युवती के टुकड़ो में बटी लाश बरामद की थी। जिसके पश्चात पुलिस ने घटना का खुलासा करते हुए आरोपी इरफान उर्फ गुड्डू को आठ सितंबर 2011 में गिरफ्तार कर के धारा 302, 201 व 4/25 आर्म्स एक्ट में मुकदमा दर्ज करते हुए अभियुक्त को जेल भेज दिया था। मृतका फरहत फातिमा उर्फ़ जीनत को न्याय दिलाने को अधिवक्ता शफीकुल गफ्फार की जोरदार दलीलों एवं सहायक शासकीय अधिवक्ता रहस्य बिहारी श्रीवास्तव की पैरवी के आगे बचाओ पक्ष की सभी दलीलों को अदालत ने नकारते हुए

अभियक्त इरफान अहमद उर्फ गुड्डू को जघन्य हत्याकांड का दोषी मानते हुए धारा 302 में आजीवन कारावास तथा 25 हज़ार का अर्थ दन्ड, धारा 364 में 10 वर्ष का साश्रम कारावास 5 हज़ार का अर्थ दन्ड, धारा 201 में 3 वर्ष का साश्रम कारावास 2 हज़ार का अर्थ दन्ड, और 425 आर्म्स एक्ट में 1 माह का कारावास 4 सौ रुपए अर्थ दन्ड की अजीवन कारावास की कड़ी सजा सुनाई।

वही फरहत फातिमा उर्फ जीनत के पिता कमरुल हुदा ने अपनी बेटी के हत्यारे को सजा दिलाने के लिए अपनी नौकरी तक छोड़ दिया था। उनका शिर्फ़ एक ही मकशद शेष बचा था बेटी के हत्यारे को सजा दिलाना वही जब कोर्ट का फैसला आया तो उनके ज़ख्म भी उभर आए। रुँधे गले से कहा हम तो चाहते थे मेरी बेटी के हत्यारे को फाँसी की सजा हो मगर कोर्ट ने जो फैसला सुनाया हम उसका सम्मान करते है।
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