रक्षक ही जब भक्षक बन जाये तो फिर कौन बचाये कुछ इसी तरह का एक मामला प्रकाश में आया है जहाँ रक्षक ही भक्षक बन बैठा है। सरकारी मुलाज़िम हो या कोई जन प्रतिनिध इनकी ज़िम्मेदारी होती है कि सरकारी सम्पति की सुरक्षा करना। अगर यही ज़िम्मेदार खुद सरकारी सम्पति हड़पने लग जाये तो फिर कौन बचाये। आज हम आपको एक ऐसे भ्रष्ट पूर्व प्रधान व मौजूदा ग्राम प्रधान प्रतिनिध से मिलने जा रहे है। वैसे तो इसके ऊपर ऐसे बहुत सारे आरोप है। जैसे तलबी नम्बर पर भाई का मकान बना लेना, तालाब की ठेके से जेसीबी द्वारा खोदाई करवा देना, अपात्रो को आवास व शौचालय देना, पात्रो को सरकारी सुविधाओं से वंचित रखना, प्रधानी का मोह न छोड़ना महिला सीट होने पर अपनी बहू को चुनाव में खड़ा कर जितवा कर खुद प्रतिनिध बनकर प्रधानी करना। और हद तो तब हो गई जब इसने ग्राम सभा मे आने वाली रोड किनारे वन विभाग की बेस कीमती भूमि पर अपने भाई द्वारा प्लाटिंग करने लगा जिसका लोगो ने विरोध भी किया मगर इस पर विरोध का कोई असर नही हुआ। जिसकी लिखित शिकायत तहसीलदार से ग्रामीणो किया वहां कोई सुनवाई न होने पर शिकायत करता ने मीडिया का सहारा लिया है।


शिकायत करता फिरदौश अहमद ने बताया उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले के सुल्तानपुर घोष थाना क्षेत्र के शोहद मऊ ग्राम स्थित वन विभाग की 6 बीघे 15 बिस्वा बेस कीमती ज़मीन जिसका खसरा संख्या 510 व रकबा 0.9350 हेक्टेयर 4-6 है। उस भूमि के कुछ हिस्से पर एक इण्टर कालेज का अवैध निर्माण भी हो चुका है। बाकी बची भूमि को महिला ग्राम प्रधान अज़रा खातून के प्रतिनिध ससुर गयाश उद्दीन का भाई आवेश अहमद प्रधान प्रतिनिध के सहयोग से प्लाटिंग कर ठिकाने लगाते हुए अवैध धन अर्जित कर रहा है। जिसकी शिकायत उसने खागा तहसीलदार को लिखित में किया है। शिकायत करता ने बताया ग्राम प्रधान प्रतिनिध व उसका भाई दबंग किस्म के है। इसी लिए कोई कार्यवाई नही हुई जिससे मजबूर होकर वन विभाग की बेस कीमती ज़मीन को बचाने के लिए उसने मीडिया का सहारा लिया है।

देश और प्रदेश सरकार जहाँ एक ओर अवैध कब्जे खाली करवाने के लिये अधिकारियो को शख्त आदेश दिए है। वही दूसरी जानिब दबंग ग्राम प्रधान प्रतिनिध खुद अपने भाई से सरकारी वन विभाग की भूमि पर प्लाटिंग करवा कर ठिकाने लगावा रहा है। इसको प्रदेश के मुखिया योगी बाबा के बुलडोजर का भी कोई खौफ नही है। जब कि प्रदेश के बड़े बड़े माफिया नेस्तनाबूत होकर रहम की भीख मांगते नज़र आ रहे है। शोहद मऊ के ग्रामीणों को भी बस अब इंतेज़ार है तो योगी बाबा के बुलडोज़र का।

वही जब वन विभाग प्रभागीय निदेसक रामानुज त्रिपाठी से मीडिया ने वन विभाग की बेसकीमती ज़मीन पर भूमाफियाओं द्वारा कब्जा करने के सम्बंध में बात किया तो मीडिया के कैमरे पर कुछ भी कहने से साफ इंकार करते नज़र आये जो आप खूद देख सकते है। आपकी सोच बस अपनी खबर उसकी बाईट तक है और इस कुर्सी पर बैठने वाले कि सोच कहाँ तक है। हमारे सीनियर हमारे चीफ वह क्या सोचेंगे क्या प्रकरण हो गया क्या नही हमको उनको जवाब देना पड़ेगा। इस लिए हम कैमरे पर कुछ नही बोलेंगे बड़ी मुस्किल से कैमरे पर अपनी फोटो देंने को राजी हुए। और फोटो देते समय जो बोले वह सब रिकार्ड हो गया। हाँ उनके द्वारा यह ज़रूर किया गया कि मीडिया की मौजूदगी में अपने अधिनस्तो को फोन पर फटकार लगाते हुए सस्पेंड करने की घुड़की भी पिलाई और मौके पर जाकर कार्यवाई करने को कहा। अब देखा यह है क्या वन विभाग की बेसकीमती भूमि सुरक्षित रहती है या दबंग भूमाफियाओं की भेंट चढ़ जाती है यह तो आने वाला वक्त बताएगा।

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