उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में 5 दर्जन से अधिक गौवंश के मरने का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था। वहीं कौशांबी के नेवादा ब्लॉक बरियावां के गौसंरक्षण केंद्र में 8 गौवंश की मौत का मामला चर्चा का विषय बन गया। लेकिन अमरोहा की तरह यहां जहरीला चारा खाने से नहीं बल्कि भूख एवं प्यास से गौवंश मरे हैं। ऐसा आरोप ग्रामीण लगा रहे हैं।

बात यहीं खत्म हो जाती तो शायद ठीक रहता। लेकिन मरने के बाद भी गौवंशों की लाशों के साथ अमानवीयता की गई। गौवंशों को घसीट कर पिकअप में बेतरतीब तरीके से लादकर गौसंरक्षण केंद्र से हटाया गया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो हड़कंप मच गया।

सीडीओ के निर्देश पर आननफानन में सीवीओ एवं डीपीआरओ को जांच के लिए भेजा गया। हालांकि अधिकारी 8 मौतों के मामले से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं। डॉ. रवि किशोर त्रिवेदी का कहना है कि 8 नहीं बल्कि 2 गौवंश की मौत हुई है। जबकि वायरल वीडियो कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। वायरल वीडियो में आधा दर्जन से अधिक गौवंश मरे दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 2 के बाद जितने भी गौवंश मरे हैं। यह दूसरे गौशाला की हैं। लेकिन कौन से गौशाला की हैं। इसके बारे में कुछ भी नहीं बता सके। पूरे मामले का जिम्मेदार ग्राम प्रधान एवं ग्राम पंचायत अधिकारी को बताया जा रहा है।

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