सरकारी भूमि जो खतौनी में बंजर इमारती के नाम से दर्ज है। उस भूमि को कुछ ग्रामीणों द्वारा पुस्तैनी कब्रस्तान साबित करने की नाकाम कोशिस की जा रही है। इस के लिए कुछ कथाकथित लोगो द्वारा गुमराह कर बंजर इमारती भूमि को कब्रस्तान साबित करने के लिए कुचक्र रचा जा रहा है। पूरी जानकारी न होने के चलते कुछ कथाकथित लोग कागज़ों में दर्ज बंजर इमारती नम्बर को कब्रस्तान साबित करने का भर्षक प्रयास रत है। पूरा मामला उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले के सुल्तानपुर घोष थाना क्षेत्र के एरायां मशायक गाँव का है। जहाँ सरकारी भूमि पर अवैध कब्ज़ेदारी की बात सामने आ रही है। मामला कुछ इस तरह है कि गाँव के किनारे का रकबा है जिसकी संख्या 1629 ख 1633 व 1636 क है। जो मौजूदा समय मे बंजर इमारती के नाम से खतौनी में दर्ज है। उसी भूमि को एक पक्ष अपना पुस्तैनी कब्रस्तान बता रहा है। तो वही दूसरा पक्ष अपना आवासी कब्जा साबित करने में लगा है। जबकि खौतौनी कुछ और बयाँ कर रही है।
शिकायत करता महिला हमीदा बेगम पत्नी शाह मोहम्मद ने जिलाधिकारी को ज़रिये प्रार्थना पत्र देते हुए कहा था कि प्रार्थिनी अत्यंत गरीब है और आपने पति के साथ एक कुरिया डाल कर रहती है। महिला ने आरोप लगाते हुए कहा कि गांव के ही निवासी जज़्बी पुत्र करीम उद्दीन व उनके साथी जो कि धनी व राजनैतिक पकड़ रखते है जिनका काम है कि है गांव में पड़ी हुई सरकारी ग्राम समाज भूमि पर कब्जा करके उसे कब्रस्तान की शक्ल दे देना फिर उसमें पेड़ लगाकर खेती शुरू कर देना जबकि एरायां मशायक में कब्रस्तान के लिए 15 से 20 बीघा भूमि खतौनी में दर्ज हो कर सार्वजनिक आवंटित है। उस भूमि पर यह लोग खेती करते है और बंजर इमारती भूमि पर मुर्दे दफन करते है। और मेरे घर के सामने जबरन कब्र बनाकर मुर्दे गाड़ते है फ़र्ज़ी मिट्टी डलवाकर छोड़ देते है ओर जब मौका मिलता है तो उसे कब्रस्तान का रूप दे देते है। मना करने पर गाली गलौज व जान से मारने की धमकी देते है।
ग्राम प्रधान बीरेंद्र मौर्या ने बताया गाँव में सरकारी भूमि जो बंजर इमारती नाम से खतौनी में दर्ज है उस भूमि को गाँव के कुछ दबंग किस्म के लोग पुस्तैनी कब्रस्तान साबित करने का प्रयास कर रहे है। जबकि गाँव मे कब्रस्तान के नाम से 15 से 20 बीघा भूमि पहले से दर्ज है और उस भूमि पर यही दबंग खेती किसानी करते है और अवैध रूप से सरकारी भूमि पर कब्जा कर कब्रस्तान कायम करना चाहते है। गाँव की गरीब महिला के पास रहने के लिए घर नही है। वह बंजर इमारती नंबर पर त्रिपाल डाल कर रह रही है। जिसको गाँव के कुछ दबंग किस्म के लोग उसको वहाँ से भागना चाहते है। महिला ने इसकी शिकायत जिले के अधिकारियों से किया तो उपजिलाधिकारी व राजस्व टीम मौके पर पहुंची। लेखपाल द्वारा हमको भी सुचित कर मौके पर बुलाया गया। वही ग्राम प्रधान का यह भी आरोप है कि क्षेत्रीय पुलिस के सामने जांच टीम के वापस लौटते ही यही दबंग मेरे साथ भी गाली गलौज व जान से मारने की धमकी देने लगे जिनकी लिखित शिकायत मेरे द्वारा क्षेत्रीय थाना सुल्तान पुर घोष में की गई मगर कोई सुनवाई नही हुई।
अब सवाल उठता है इतना सब होने के बाद आखिर शासन प्रशासन क्या कर रहा है। क्या किसी बड़ी अनहोनी का इंतेज़ार कर रहा है। इस सम्बंध में अब तक कोई ठोस कदम क्यो नही उठाया गया। कागज़ में जो 15 से 20 बीघे कब्रस्तान के नाम से दर्ज भूमि है उसकी खोज क्यो नही की गई। उस भूमि पर जो खेती कर रहा है। उस पर भूमाफिया के अंतर्गत कार्यवाई क्यो नही की गई। ऐसे बहुत सारे सवाल उत्पन हो रहे है जिनका अभी तक कोई जवाब नही है।