उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले को दोवाबा की धरती कहा जाता है वजह साफ है एक जानिब गंगा नदी तो दूसरी जानिब यमुना नदी दोनो नदियों के बीच की धरती को दोवाबा की धरती कहा जाता है। जो जिले के निवासियों के लिए गर्व की बात है। मगर इस समय यही गर्व यमुना नदी के तटवर्ती क्षेत्र के बाशिन्दों के लिए किसी मुसीबत से कम नही है। यमुना नदी इस समय पूरे सबाब पर है। तटवर्ती क्षेत्र के गाँवो के सम्पर्क मार्ग बंद हो चुके है। ग्रामीण नाव का सहारा लेने को मजबूर है। कुछ गाँवो में यमुना नदी का पानी घरो में घुस चुका है। बाढ़ पीड़ितों के लिए प्रसासन ने बाढ़ राहत शिविर बनवाये है। जिसका निरक्षण करने जिलाधिकारी श्रुति व पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सिंह द्वारा किया गया।

यमुना नदी में बढ़ते जल स्तर के दृष्टिगत थाना ललौली क्षेत्रान्तर्गत ग्राम पलटूपुरवा, अढ़ावल व दसौली जमुना नदी के किनारे बाढ़ का जायजा लिया। ग्रामीणों से वार्ता कर बाढ़ क्षेत्र में आये लोगो से बाढ़ राहत शिविर में रहने के लिए कहा साथ ही ग्रामीणों की समस्याओं को सुनकर व बाढ़ राहत शिविर का निरीक्षण कर सम्बंधित को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

वही किशनपुर थाना क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे जलस्तर के कारण किशनपुर कस्बे के वार्ड नंबर 6 वार्ड नंबर 4 वार्ड नंबर 5 में घरों के समीप पानी पहुच चुका है। यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है जिसके कारण नरौली गांव का संपर्क टूट गया है। महावतपुर अशहट गांव का आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया है। गढ़ा कुल्ली खखरेरू कोट मार्ग पूरी तरह पानी से लबरेज़ हो चुका है। खागा उप जिलाधिकारी मनीष कुमार ने सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया है। सभी गाँव में राजस्व कर्मीयो को देखरेख के लिए लगाया गया है। उप जिलाधिकारी खुद किशनपुर कस्बे में डेरा डाले हुए है। अभी घरों में नुकसान की सूचना नहीं है। यमुना नदी के तटवर्ती क्षेत्र के घरों को खाली कराया जा रहा है। उन को व्यवस्थित करने के लिए प्राथमिक विद्यालय में बाढ़ राहत शिविर बनाया गया है।

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