उत्तर प्रदेश मेरठ जनपद को महिला केंद्रित गाली से मुक्त कराने के लिए शुरू किया गाली बंद घर अभियान शुरू कर दिया है। इस अभियान के तहत घर घर गाली बंद अभियान के चार्ट लगाए जा रहे हैं जिसमें घर के सदस्यों के नाम लिखकर उनके द्वारा दी जाने वाली गालियों की संख्या भी हर दिन लिखी जा रही है।
इस बार पीएम मोदी ने लालकिले की प्राचीर से महिलाओं के सम्मान पर अपना भाषण केंद्रित रखा था। अब महिलाओं के सम्मान को लेकर मेरठ में भी मुहिम शुरु हो गई है। मेरठ में सोशल साईंटिस्ट सुनील जागलान ने महिलाओं के सम्मान में गाली बंद घर अभियान शुरू किया है। इस अभियान को लेकर सुनील जागलान ने कहा कि उतर प्रदेश के हर ज़नपद के हर गॉंव तक महिला सशक्तिकरण के ज़रिए ग्रामीण व शहरी विकास के मॉडल को लागू करवाया जाऐगा। इसके लिए मेरठ जनपद को महिला केंद्रित गाली से मुक्त कराने के लिए शुरू किया गाली बंद घर अभियान शुरू कर दिया है। इस अभियान के तहत घर घर गाली बंद अभियान के चार्ट लगाए जा रहे हैं जिसमें घर के सदस्यों के नाम लिखकर उनके द्वारा दी जाने वाली गालियों की संख्या भी हर दिन लिखी जा रही है।
ग़ौरतलब है कि प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति से प्रशंसा प्राप्त और दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता सुनील जागलान ने मेरठ जनपद को महिला सशक्तिकरण के द्वारा शहरी विकास के कार्य के लिए एडॉप्ट किया है। सुनील जागलान हरियाणा राज्य के जींद ज़िले के बीबीपुर गॉंव के सरपंच हैं। जिन्होंने वर्ष 2012 में बेटी बचाओ अभियान शुरू हुआ एवं उनके द्वारा शुरू किए गए सेल्फ़ी विद् डॉटर अभियान की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 6 बार मन की बात व अमेरिका व इंग्लैंड के कार्यक्रमों में सराहना की. 2016 में सुनील जागलान के बीबीपुर मॉडल को तत्कालीन राष्ट्रपति ने प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन द्वारा गोद लिए गए 100 गाँवों में लागू किया और सुनील जागलान को 50 लाख रूपए का अनुदान भी दिया।
सुनील जागलान के अभियान बेटियों के नाम नेमप्लेट, माहवारी की जागरूकता के लिए शुरू किए पीरियड चार्ट , लाड़ो को आनलाइन जैसे सैकड़ों अभियान अन्तर्राष्ट्रीय सुर्ख़ियाँ बटोर चुके हैं। सुनील जागलान पर बनीं डॉक्यूमेंटरी फ़िल्म सनराइज़ को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है। तथा सयुंक्त राष्ट्र द्वारा इस फ़िल्म को विश्व के 73 देशों में दिखाया जा रहा है। सुनील जागलान ने कहा महिला केंद्रित गाली घरेलू हिंसा की घर में पहली नींव रखती है इसलिए हमें इस अभियान को घर से शुरू कर रहे हैं और सोशल मिडिया पर हमें इस अभियान को लेकर बहुत अच्छी प्रतिक्रियाएँ मिल रही हैं।
मेरठ के लोगों ने कहा कि यह हम सब लिए बहुत सुखद है कि देश के सामाजिक कार्यकर्ता हमारे यहॉं से अभियान शुरू कर रहे हैं इनके यहॉं आने से लोगों को एक दम से ऊर्जा महसूस हो रही है और मेरठ में काफ़ी लोग इनके कहने पर इनका साथ देने के लिए तैयार हो गए हैं। लोग कह रहे हैं कि आज के समय में घर घर में महिला केंद्रित गाली दी जाती है। लोगों को ख़ुद भी नहीं पता चलता था कि कब गाली निकल जाती है लेकिन इस प्रयास से मुझमें समझ आई है और मैंने घर में गाली बंद अभियान का चार्ट लगाया है और गाली देने की आदत में कमी आई है।