डॉक्टर को धरती का भगवान कहा जाता है मगर प्राइवेट नर्सिंग होम द्वारा दौलत कमाने की हवस ने इस पेशे को बदनाम करने में कोई कसर नही छोड़ी। प्राइवेट अस्पतालों में मरीज के आने के बाद किस तरह बिल बनाने का खेल किया जाता है किसी से छिपा नही है। मरीज़ का बिल बढ़ाने के चक्कर मे कितने मरीज़ों की मौत भी हो जाती है। और ऑफिसों में कुर्सी पर बैठे ज़िम्मेदार के कानों पर जूँ तक नही रेंगती। ज़िम्मेदारों से अगर मीडिया इस सम्बंध में बात भी करती है तो जाँच के बाद कार्यवाई का झुनझुना मीडिया को पकड़ा दिया जाता है। संबंधित अधिकारीयो द्वारा कार्यवाई ना करने की वजह से इनको किसी का डर नही रहता। गलत इलाज से किसी मरीज़ की मौत होना जिले में आम बात है। क्यो की प्राइवेट नर्सिंग होमो को ज़िम्मेदारों का ही जब संरक्षण मिल रहा होतो काहे का डर।

उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले की सदर कोतवाली क्षेत्र के ज्वालागंज जीटी रोड पर स्थित बीवाईएस चैरिटेबल हास्पिटल में उपचार के दौरान एक युवती की मौत हो गयी। युवती की मौत पर परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा काटा। सूचना पर पहुंची पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन देते हुए शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मरीज़ की मौत के बाद परिजनों ने शव को हास्पिटल के बाहर रखकर हंगामा शुरू कर दिया। परिजनों ने नर्सिंग होम पर आरोप लगाया कि मृतिका हीरामनी उर्फ गुड़िया को बुखार आ रहा था। सोमवार को बीवाईएस चैरिटेबल हास्पिटल में भर्ती कराया था। चिकित्सकों की लापरवाही से आज सुबह उसकी मौत हो गयी।

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