उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले में बच्चों, किशोर, किशोरी, गर्भवती व धात्री महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए विटामिन कैल्शियम आयरन प्रोटीन जैसे पोषक तत्वों का मिलना बहुत जरूरी होता है। पोषक तत्वों से भरपूर खानपान को अपनाने पर ही एक सुपोषित समाज की परिकल्पना की जा सकती है।

इस दिशा में जनपद में प्रभावी ढंग से कार्य हो रहा है। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार आईसीडीएसद्ध विभाग की ओर से जनपद के हर ब्लॉक के लगभग सभी ग्राम पंचायतों में पोषण वाटिका तैयार की जा रही है। पोषण वाटिका को तैयार करने में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं ने अपना पूरा योगदान दिया है। जिससे आसपास के घरों में ताजी हरी साग सब्जियाँ व फल आदि आसानी से प्राप्त हो सकें। जनपद में अभी तक 823 पोषण वाटिका तैयार की जा चुकी हैं।

जिला कार्यक्रम अधिकारी डीपीओद्ध साहब सिंह ने बताया कि माइक्रो न्यूट्रिएंट्स की कमी भी कुपोषण का एक बड़ा कारण है। माइक्रो न्यूट्रिएंट्स के सस्ती उपलब्धता के लिए पोषण वाटिका का रोपण किया जा रहा है। पोषण वाटिका विकसित करने का मुख्य उद्देश्य है कि लाभार्थियों को उनके आसपास ही ताजी हरी साग सब्जियाँ फल औषधि आसानी से मिल सकें। फल एवं सब्जियाँ सूक्ष्म पोषक तत्वों के महत्वपूर्ण स्रोत हैं। इन पोषक तत्वों को नियमित आहार में सम्मिलित करना बेहतर स्वास्थ्य के लिए बहुत ही आवश्यक है। खट्टे फल, अदरक, आँवला, अमरूद, पालक, सहजन, चौलाई, आदि स्थानीय उगाई जाने वाली साग सब्जियों के सेवन से प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है।

जिससे बीमारी व वायरल संक्रमण से बचा जा सकता है। उन्होने बताया कि सितंबर माह में साग.सब्जियों एवं फलों के पौधों के रोपण का उचित समय है। इसके तहत पोषण वाटिका के विकास के लिए क्षेत्र स्तर पर प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

डीपीओ ने बताया कि जनपद में अभी तक 823 पोषण वाटिका तैयार कर बीज रोपे जा चुके हैं। अगले कुछ दिनों में पोषण वाटिका हरी साग सब्जीए फल एवं औषधियों से लहलहाने लगेगी। सीडीपीओ ऐरायां आशीष कुमार पांडेय ने आंगनबाडी केंद्र रसूलपुर बिछहर में बनी पोषण वाटिका का निरीक्षण किया। यहां पर तैनात आंगनबाडी कार्यकत्री मंजू देवी ने पोषण वाटिका में लगाई सब्जियों और औषधि पेड पौधों की जानकारी दी। सीडीपीओ ने कार्यकत्री के कार्यों की सराहना की। उन्होंने बताया कि पोषण वाटिका का मकसद आंगनबाडी केंद्रों या फिर स्कूल परिसर आदि के पानी व कूडा करकट का इस्तेमाल करके घर की फल व साग सब्जियों की दैनिक जरूरतों को पूरा करना है। आंगनबाडी केंद्र सिधांव की कार्यकत्री ने बताया कि पोषण वाटिका में हरी साग सब्जीए फल के पेड पौधे लगाये हैं। इनका लाभ लाभार्थियों को मिल रहा है।

विभिन्न तरह के पौधे लगाए गए है
जनपद में तैयार की गईं समस्त पोषण वाटिका में 4168 फलदारए 3108 औषधी एवं 24207 हरी सब्जीयुक्त पौधे सम्मिलित हैं। फलदार पेड़ो में आम, आँवला, अमरूद, पपीता, नींबू, इमली आदि के पौधे लगाए गए है। औषधी में नीम, तुलसी, धृत कुमारी ;एलोवेरा, अश्वगंधा, सदाबहार आदि के पौधे लगाए गए। हरी साग सब्जी युक्त में पालक, सहजन, चौलाई, बथुआ, मेथी, लौंकी, तुरई, बैंगन आदि के पौधे रोपे गए हैं।

पोषण वाटिका एक नजर में
ब्लाक
पोषण वाटिका
देवमई 55, खजुहा 82, ऐरायां 62, हथगाम 55, धाता 50, विजयीपुर 49, हसवा 49, अमौली 8, मलवा 94, असोथर 28, तेलियानी 62, भिटौरा 77, बहुआ 79

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