इलाज के अभाव से जूझने वालों को मिल रहा है बेहतर उपचार योजना के तहत मिलता है हर साल प्रति परिवार पांच लाख रूपये तक का फ्री इलाज उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले के रहने वाले परदेश में टाइल पत्थर का काम करके परिवार का भरण पोषण करने वाले मिस्त्री रामदत्त को हार्ट अटैक पड़ा तो मानिये उसकी दुनिया में भूचाल आ गया। कमाई सीमित और अचानक इतनी गंभीर बीमारी आफत बनकर उनके घर पहुंच गई। इस विपरीत परिस्थिति में आयुष्मान भारत योजना ने मानो उनके परिवार को टूटने से बचा लिया। आयुष्मान कार्ड धारक रामदत्त की कानपुर कार्डियोलॉजी में बाईपास सर्जरी हुई जिसका खर्च योजना के अंतर्गत सरकार ने उठाया। अब रामदत्त अपने गांव घर में सामान्य जीवन जी रहे हैं। हथगाम विकास खंड के गांव सहतीरपुर लाठी के रहने वाले रामदत्त गुजरात में रहकर टाइल पत्थर का काम करते हैं जबकि उनका परिवार गांव में ही रहता है। 28 फरवरी 2022 को काम के दौरान रामदत्त के सीने में तेज दर्द उठा और वह बेहोश हो गये। लोगों ने उन्हे अस्पताल पहुंचाया और घरवालों को सूचना दी। प्राथमिक इलाज के बाद उन्हें जनपद लाया गया।
जहां चिकित्सकों ने उन्हें कार्डियोलॉजी कानपुर के लिए रेफर कर दिया। यहां पर डॉक्टरों ने जांच करने के बाद बाईपास सर्जरी किये जाने की बात परिजनों से की। आपरेशन का नाम सुनकर रामदत्त की पत्नी पुष्पा देवी और उनके दो लडके व एक लडकी के पैरों तले जमीन खिसक गई। आपरेशन में आने वाला खर्च, किस रिश्तेदार से कर्ज लें जैसे सवाल दिलो दिमाग में छाने लगे लेकिन जब उन्हे पता चला कि आयुष्मान कार्ड बना होने के चलते इलाज का खर्चा सरकार उठायेगी तो रामदत्त के घरवालों ने राहत की सांस ली। बाईपास सर्जरी के बाद अब रामदत्त परदेश तो नहीं गये लेकिन गांव में ही सामान्य जीवन जी रहे हैं। उन्होंने बताया कि तब सोचा नहीं था इस कार्ड की मदद से परेशानी के समय बहुत बड़ी मदद मिलेगी। अब मैं पूरी तरह स्वस्थ हूं।
डिप्टी सीएमओ/नोडल अधिकारी डा० यू० पी सिंह कुशवाहा ने बताया कि आयुष्मान कार्ड के अंतर्गत कई प्रकार के मेडिकल पैकेज की सुविधा है। इसमें निशुल्क सर्जरी, डे केयर दवाओं का खर्चा जांच का खर्चा आदि शामिल है। जनपद में 287508 आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं और 10138 लाभार्थी आयुष्मान कार्ड के तहत अब तक इलाज का लाभ ले चुके हैअपने नजदीकी राजकीय स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल, मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में संपर्क करें एवं वहां तैनात आयुष्मान मित्र से परामर्श लेकर अपनी सुविधानुसार उचित अस्पताल में उपचार कराएं। आबद्ध किए गए अस्पतालों में उनकी क्षमता के आधार पर अलग-अलग बीमारियों का इलाज उपलब्ध है। कभी-कभी मरीज ऐसे अस्पतालों में चले जाते हैं जो योजना के लिए आबद्ध तो है, मगर वहां उस बीमारी का उपचार नहीं होता। फिर ऐसे में शिकायतें आती है।
वही सीएमओ डा० सुनील कुमार भारतीय ने सभी जनपदवासियों से अपील की कि जिन लोगों के पास आयुष्मान कार्ड हैं वह लाभ लें और निशुल्क इलाज अवश्य करवाएं। जिस तरह से परेशानी के समय आयुष्मान कार्ड से रामदत्त को आर्थिक राहत मिली उसी तरह से अन्य लोग भी इस तरह की निशुल्क सुविधाएं मिल सकती हैं। रामदत्त जैसे और भी गरीब परिवारों के लिए योजना वरदान साबित हो रही है। गंभीर बीमारियों से जूझने वाले मरीजों का मुफ्त में उपचार हो रहा है। जिससे इन परिवारों की खुशियां लौट आई है। टोल फ्री नंबर का भी करें प्रयोग जिला शिकायत प्रबंधक अतुल पांडेय ने बताया कि आयुष्मान योजना के अंतर्गत कार्डधारकों को अगर उपचार कराने में किसी किस्म की कोई दिक्कत आ रही है तो वो टोल फ्री नंबर 14555 पर कॉल कर सकते है। इस नंबर पर कॉल करने के साथ ही मरीज की समस्याओं का समाधान होना शुरू हो जाता है।