उत्तर प्रदेश सहारनपुर में मौलाना अरशद मदनी ने प्रदेश की योगी आदित्य नाथ सरकार की ओर से गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे किए जाने को लेकर आयोजित सम्मेलन दारुल उलूम देवबंद ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि देश की आजादी में मदरसों के की कुर्बानियों को भुलाया नहीं जा सकता है। मदरसे देश के संविधान के अंतर्गत चलते हैं और मदरसों के अंदर कोई भी चीज छुपी हुई नहीं है। इसलिए प्रदेश सरकार द्वारा कराए जा रहे सर्वे से बिलकुल डरने और घबराने की जरूरत नहीं है। बल्कि सर्वे में सहयोग करते हुए संपूर्ण और सही जानकारी दें।
देवबंद के दारुल उलूम में रविवार को हो रहे उत्तर प्रदेश के मदरसों का सम्मेलन में जमीयतए उलेमाए हिंद के मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि सर्वे करना सरकार का हक है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उनकी मदद की जाए। अब तक सर्वे वालों का किरदार सही रहा है। उन्होंने कहा कि अब तक के सर्वे में कहीं कोई गड़बड़ी नहीं दिखी है। मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि मैंने मदरसों से कहा है कि सरकार के सभी सवालों के जवाब दिए जाने चाहिए। मदरसे हजारों साल से मोहब्बत की तहजीब है।
वही दारूल उलूम देवबद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने सम्मेलन में संबोधित करते हुए कहा कि मदरसों ने देश की आजादी और उसके निर्माण में मुख्य भूमिका निभाई और मदरसे कभी भी देश विरोधी गतिविधियों में शामिल नहीं हुए। मदरसे का हिसाब किताब ठीक रखें, अपने दस्तावेज और हिसाब किताब को पारदर्शी रखें। मदरसे खुली किताब है इसलिए सभी के लिए मदरसों के दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं। अगर सरकार सर्वे करती है उससे डरने की जरूरत नहीं है।