अमरोहा के हसनपुर तहसील क्षेत्र के गांव निवासी महिला को घास काटते वक्त आवारा कुत्तों के झुंड ने अपने चंगुल में गिरफ्त कर लिया। महिला का मांस नोच नोच कर मौत के घाट उतार दिया। अन्य महिलाओं ने जैसे तैसे कर अपनी जान बचाई। आपको बता दें कि तहसील क्षेत्र के गांव दिपपुर निवासी महिला राजवती अन्य चार महिलाओं के साथ दीपपुर गेट के समीप एक बाग में पशुओं के लिए घास काट रही थी। तभी अचानक आवारा कुत्तों के झुंड ने महिला राजवती पर हमला बोल दिया। ऐसा देखकर अन्य महिलाओं के पैरों तले जमीन खिसक गई। महिलाओं के शोर मचाने पर बाग में कार्य कर रहे मजदूरों ने जब मौके पर जाकर देखा तो महिला मृत पड़ी हुई थी। देखते ही देखते यह खबर आग की तरह पूरे गांव में फैल गई। और मौके पर ग्रामीणों का जमावड़ा लग गया। इधर गुस्साए परिजनों के साथ ग्रामीणों ने आवारा कुत्ते पकड़वाय जाने की मांग को लेकर गजरौला रोड को एक घण्टे जाम कर दिया। मौके पर तीन थानों की पुलिस के अलावा प्रशासनिक अधिकारी भी पहुंच गए। और पीड़िता के परिजनों को समझाने में जुट गए। एसडीएम सुधीर कुमार और पुलिस क्षेत्राधिकारी सतीश चंद्र पांडे के आश्वासन पर मृतका के परिजनों ने रोड को खोल दिया। वहीं पुलिस ने मृतका के शव का पंचनामा भरने के बाद पोस्टमार्टम को भेज दिया। एसडीएम सुधीर कुमार ने बताया कि वन विभाग के अधिकारियों को आवारा कुत्तों को पकड़वाने को लेकर दिशा निर्देश दिए गए हैं। लापरवाह अधिकारी व कर्मचारीयो के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वही लोगो का कहना है कि बागों में पशुओं के अवशेष खाने से खूंखार हुआ जंगली कुत्तों का झुंड आदमखोर बनता जा रहा है। बीते एक वर्ष पहले कक्षा सात और नो के छात्र को कुत्तों के झुंड ने नोचकर मार डाला था। घटना से इलाके के लोगों में दहशत व्याप्त है। लेकिन विभागीय अधिकारियों की नींद नहीं टूट रही है। खास बात यह कि वन विभाग एवं पशु पालन विभाग खूंखार कुत्तों को पकड़वाने की जिम्मेदारी से अपना अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि बागों में मृत पशुओं एवं चोरी छिपे गोवंशीय पशुओं के वध के बाद छोड़े जाने वाले अवशेष खाकर जंगल में रहने वाले दर्जन भर कुत्तों का झुंड अब लोगों का शिकार करने लगा है। जल्द प्रशासन की नींद नहीं टूटी तो राजवती की तरह अन्य लोगों की जिंदगी को खतरा होने से इंकार नहीं किया जा सकता है।

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