उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले की खागा कोतवाली क्षेत्र के कस्बे में सोहन ईटगाँव काही गाँव निवासिनी 65 वर्षीय मूँगा देवी कच्चे माकान में छप्पर डालकर गुज़ारा कर रही थी। कई दिनों से रुक रुक कर हो रही बारिस के चलते गरीब का आशियाना ढह गया। रात्रि लगभग 4:30 बजे तेज बारिश से दीवार सहित छप्पर गिर गया। माकान ढाहने और शोर शराबे की आवाज सुनकर मोहल्ले वासीयो ने दौड़कर माकान के मलवे में दबे लोगो को बाहर निकाला। माकान के मलवे में दबने से 65 वर्षीय बुज़ुर्ग महिला मूँगा देवी पत्नी जगत पासवान गम्भीर रूप से घायल हो गई थी। जिसको परिजन एंबुलेंस द्वारा इलाज के लिए हरदो सीएससी लेकर पहुँचे जहां डॉक्टरों ने हालत गम्भीर देख जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। जिला अस्पताल में डॉक्टर ने जाँच कर घायल बुज़ुर्ग महिला को मृत घोषित कर दिया।
वही घटना की सूचना पुलिस को हुई तो मौके पर पहुंची पुलिस ने घटना स्थल का जायजा लिया और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। अब सवाल यह उठता है एक ओर सरकार गरीबो को पक्के घर मोहय्या कराने के दावे करती है। तो वही दूसरी जानिब गरीबो की कच्चे मकान गिरने से दबाकर मौत होना सरकार के दावों पर सवाल खड़ा करता है। आखिर क्या वजह थी जो मृतक बुज़ुर्ग महिला कच्चे माकान में जीवन यापन करने को मजबूर थी जो उसकी मौत का कारण बना। ज़िम्मेदारों को इस ओर भी ध्यान देने की ज़रूरत है।