उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले के राधानगर थाने के हल्के के अन्दौली गाँव में जब हाफ़िज़ जलील अहमद सलमानी की आखरी साँस लेने की खबर पहुंची तो अवाम को यकीन नही हुआ, खबर की तस्दीक होने पर लोगो मे मायूसी छा गई। जानकारी के मुताबिक राधा नगर थाने के हल्के के अन्दौली गाँव में मरहूम बशीर अहमद सलमानी के 63 साला फ़रज़न्द हाफ़िज़ जलील अहमद सलमानी ने बीती रात 12:00 के आस पास कानपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में अपनी ज़िंदगी की आखरी साँस लेते हुए दुनियां से रुखसत हो गए। इन्तेकाल के बाद उनकी मिट्टी को आज सुबह अन्दौली गाँव उनके दौलत खाने पर लाया गया।

आपको बताते चले की हम वही हाफ़िज़ जलील अहमद की बात कर रहे है जिन्हों ने शहर से लेकर देहात तक तकरीबन 35 सालो में न जाने कितने मुस्लिम लड़को के खतने किये है। इधर कुछ अर्शे से इनकी तबियत कुछ नाशाद रहने लगी तो इनके छोटे बेटे ने खतना करने की ज़िम्मेदारी सम्भाल लिया। इनके दो बेटे है बड़े बेटे का नाम इज़हार अहमद सलमानी और छोटे बेटे का वकार अहमद सलमानी है। तकरीबन पाँच सालों से खतना करने की ज़िम्मेदारी इनके छोटे फ़रज़न्द वकार अहमद सलमानी ने संभाले हुए है। इनकी मौत की खबर सुनकर लोगो मे मायूसी है एक दिन सभी को इस दुनिया को छोड़कर जाना है यही दस्तूर है। बाद नमाज़ ज़ोहर जनाज़े की नमाज़ के बाद गाँव के नज़दीक वाली कब्रस्तान में उनको सुपरुते खाक किया जाएगा। आप सभी हज़रात से गुज़ारिश है कि मरहूम की मिट्टी में शिरकत कर मग़फ़ेरत की दुवा करें और सवाबो दारैंन हासिल करें।
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