उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले के खागा नगर पंचायत की चेयरमैन गीता सिंह एवं प्रतिनिधि रामगोपाल सिंह की अगुवई में नगर में चल रही राम कथा के छठवें दिन मिथिला में राम विवाह के बाद श्री राम जी के कलेवा तथा वैदेही की विदाई का भावुकता पूर्ण वर्णन कथा वाचिका वैदेही सुरभि जी ने किया। इस मौके पर,विधायक सहित कई विशिष्ट लोगों ने राम कथा का आनंद उठाया। बताया गया कि बारात की अगवानी स्वयं महाराज जनक ने की। देर रात कन्यादान किया गया। सीता की विदाई के दौरान सभी की आंखें नम हो गईं।वहीं, वर पक्ष के लोगों में खुशी मनाई जा रही थी। उसके बाद राजा दशरथ ऋषि विश्वामित्र से राम को अयोध्या का राजा बनाने की घोषणा करते हैं।इसके बाद महल में भगवान राम को राजा बनाने की तैयारी जोरों से की जाने लगी। तभी रानी कैकई की दासी मंथरा कैकेई के कान भर देती है। इसके बाद कैकई कोप भवन में जाकर सो जाती है। राजा दशरथ कैकई को मनाने के लिए जाते हैं।रानी कैकई का राजा दशरथ से अपने दो वरदानों में अपने पुत्र भरत को अयोध्या का राजा बनाने और भगवान राम को 14 वर्ष का वनवास देने की मांग करती है। सुरभि जी अपने सुमधुर कंठ से जहां एक ओर मिथिला में सीता की विदाई का वर्णन करती हैं। वहीं राम वन गमन का दृश्य उपस्थित कर श्रद्धालुओं को भावुक कर देती हैं। भजन कीर्तन के बीच श्रद्धालुओं ने राम दरबार में पूजा अर्चना की इस मौके पर विधायक कृष्णा पासवान, राजेंद्र गर्ग, विश्व हिंदू परिषद जिलाध्यक्ष डॉ अजय गुप्ता, भाजपा नेता दुर्गा शंकर गुप्ता, अध्यक्ष राजेंद्र दुबे, ठाकुर राकेश सिंह, अशोक सिंह सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।मान्यता है कि श्रीराम कथा हमें मर्यादा में रहना सिखाती है। साथ ही यह मानव का सही मार्गदर्शन भी करती है। जो मनुष्य सच्चे मन से श्रीराम कथा का श्रवण कर लेता है, उसका लोक ही नहीं परलोक भी सुधर जाता है। मनुष्य जीवन बहुत दुर्लभ है और बहुत सत्कर्मों के बाद ही मनुष्य का जीवन मिलता है।
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