उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिला समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजनान्तर्गत शासनादेशा अनुसार 28.08.2023 के द्वारा सामूहिक विवाह के आयोजन एवं जोड़ों के आवेदन हेतु निर्देश निर्गत किये गये हैं। उक्त योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदिका (कन्या) द्वारा वेबसाइड https://cmsvy.upsdc.gov.in/ पर आवेदन किया जाना अनिवार्य कर दिया गया है, विवाह में सम्मिलित होने हेतु जिला समिति से निर्धारित तिथि से 07 दिवस के पहले तक किये गये आवेदन पत्रों पर बजट की सीमा तक समिति द्वारा विचार किया जायेगा, शेष आवेदन पत्रों को अगली तिथि हेतु अग्रणीत किया जायेगा। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह का आयोजन 23 जनवरी 2025 एवं 21 फरवरी 2025 को होना है। अधिक से अधिक इच्छुक लाभार्थी https://cmsvy.upsdc.gov.in/ वेबसाइड पर आवेदन कर सकते हैं। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजनान्तर्गत एक जोड़े विवाह पर व्यय होने वाली धनराशि रू0-51,000/- है, जिसमें रू0-35,000/- की धनराशि ई-कुबेर प्रणाली से कोषागार के माध्यम से कन्या (आवेदिका) के खाते में एवं रू0 10,000.00 की सीमा तक प्रत्येक जोड़े को वैवाहिक सामग्री (वस्त्र, बर्तन, पायल, बिछिया, दिवाल घड़ी आदि) परित्यकता / तलाकशुदा पुर्नविवाह के प्रकरण में रू0-40,000/- की धनराशि ई-कुबेर प्रणाली से कोषागार के माध्यम से खाते में तथा वैवाहिक सामग्री रू0 5000.00 होगी एवं 6,000.00 प्रति जोड़े की दर से सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजन पर व्यय किया जाने का प्रावधान है। आवेदन की शर्तों निम्न प्रकार हैं-1.कन्या के अभिावक जनपद की निवासी होने चाहिये। 2. कन्या/कन्या के अभिभावक निराश्रित, निर्धान तथा जरूरतमन्द हों। 3. आवेदिका के पिता/माता/अभिभावक की वार्षिक आय रू०-2,00.000/- से अधिक नहीं होनी चाहिये। आय प्रमाण पत्र तहसीलदार द्वारा प्रदत्त ही मान्य है। 4. विवाह हेतु किये गये आवेदन में पुत्री की आयु शादी की तिथि को कन्या की आयु 18 वर्ष या अधिक होनी चाहिये तथा वर की आयु 21 वर्ष या अधिक होनी चाहिये। (आयु की पुष्टि के लिये शैक्षिक रिकार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, जॉब कार्ड मान्य होंगे) 5. कन्या अविवाहित हो अथवा विधवा, परित्यकता / तलाकशुदा जिसका कानूनी रूप से तलाक हो गया हो, का पुर्नविवाह किया जाना हो। पुर्नविवाह का प्रकरण है, तो पूर्व पति की मृत्यु का प्रमाण पत्र होना चाहिये। यदि परित्यक्ता / तलाकशुदा पुर्नविवाह का प्रकरण है तो विधिक कानूनी रूप से तलाक होने का प्रमाण पत्र होना चाहिये। 6. अनुसचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछडावर्ग के आवेदकों को जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। 7. विवाह हेतु निराश्रित कन्या, विधवा महिला की पुत्री, दिव्यांगजन अभिभावक की पुत्री, ऐसी कन्या जो स्वयं दिव्यांग हो, को प्राथमिकता प्रदान की जायेगी। 8. आवेदन पत्र के साथ आवेदिका एवं उनके पिता/माता/अभिभावक का घोषणा पत्र प्रस्तुत किया जाये कि कन्या की पूर्व में शादी नहीं हुई है एवं वर्तमान में शादी तय हो गई है जो सामूहिक विवाह में शामिल होने के लिए सहमत है।
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