उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले की खागा नगर पंचायत में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जिला काउंसिल ने पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल बिजली वितरण निगम के निजीकरण के खिलाफ आंदोलन कर रहे बिजली कर्मचारी संगठनों का समर्थन करते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने गुरुवार को खागा में जोरदार प्रदर्शन करते हुए तीन सूत्रीय ज्ञापन एसडीम खागा के माध्यम से राज्य के राज्यपाल को भेजा। ज्ञापन तहसीलदार इवेंद्र कुमार ने लिया। ज्ञापन में बताया गया कि राज्य की योगी आदित्यनाथ की सरकार बेशर्मी के साथ झूठ बोलकर बिजली वितरण निगमन को घाटे में चलना दिखाकर पूंजी पत्तियों को औने-पौने दामों में बेचना चाहती है जब कि स्थिति इसके उल्टा है। सरकारी आलेखों के अनुसार बिजली विभाग का बिल एक लाख 15000 करोड़ रुपए बड़े उपभोक्ताओं के यहां बकाया है। सबसे अधिक बिजली का बिल सरकारी प्रतिष्ठानों एवं सरकारी विभागों के ऊपर बकाया है। घाटे की धनराशि केवल एक लाख 10 हजार करोड़ रूपया है। सबसे ज्यादा देखने वाली बात यह है कि दोनों निगमों की कुल संपत्ति 88000 करोड़ रूपया है। सरकार इन्हीं संपत्तियों को केवल 8000 करोड़ और 15000 करोड़ रुपए में अपने नजदीकी पूंजी पतियों को बेचने जा रही है। बिजली विभाग के निजीकरण से सबसे ज्यादा प्रभावित मध्यम वर्ग और राज्य की गरीब जनता होगी जिनको बिजली का उपभोग करना संभव नहीं होगा।ज्ञापन में मांग की गई कि बिजली निगमन का निजीकरण रोका जाए।बिजली कर्मियों की सभी मांगें मानी जाएं। पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमन को औने पौने दामों में अपने निजी कंपनियों को नहीं सौंपा जाए। ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जिला परिषद के सचिव कामरेड फूलचंद पाल,सह सचिव कामरेड राम प्रकाश, भाकपा उत्तर प्रदेश मंत्री परिषद के सदस्य कामरेड मोतीलाल एडवोकेट, राज्य के सदस्य कामरेड सुमन सिंह चौहान, कामरेड राम चंद्र, नेम सिंह एडवोकेट, कामरेड राम सुमेर सिंह यादव एडवोकेट, जगदेव कामरेड जगन्नाथ, मोतीलाल प्रजापति,मूल संथाल कामरेड गया पाल, कामरेड रामकृष्ण हेगड़े,छोटे लाल, कामरेड कयामुद्दीन, कृष्ण कुमार विश्वकर्मा, कामरेड शिव चरण, कामरेड विनोद कुमार एडवोकेट सहित बड़ी संख्या में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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